नयी दिल्ली 24 सितम्बर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देशवासियों से खादी के अभियान को आगे बढाने का आह्वान करते हुए कहा कि खादी वस्त्र नहीं बल्कि विचार है और इससे गरीबों को रोजगार मिलता है। श्री मोदी ने आकाशवाणी पर अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात में कहा कि इन दिनों लोगों में खादी के प्रति काफ़ी रुचि बढ़ी है और विशेषकर युवाओं के बीच खादी का आकर्षण बढ़ा है। उन्होंने कहा कि खादी की बिक्री बढ़ी है और अन्य वस्त्रों की तरह खादी को भी अपनाया जाना चाहिए, फिर चाहे वह खादी की चादर हो, रूमाल या परदे। उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर से खादी की खरीद में रियायत दी जाती है। खादी के प्रति इस भाव को लेकर काम किया जाना चाहिए कि उसकी खरीद करके ग़रीब के घर में दिवाली का दीया जलायें। उन्होंने कहा कि इस काम से गरीबों को ताकत मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी के प्रति रुचि बढ़ने के कारण खादी क्षेत्र के कामगारों और सरकार में खादी से संबंधित लोगों में एक नये तरीक़े से सोचने का उत्साह भी बढ़ा है । खादी के लिए नयी प्रौद्योगिकी, उसकी उत्पादन क्षमता बढ़ाने और सौर हथकरघे लाए जाने के बारे में सोचा जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि खादी से संबंधित कई कारखाने और दुकानें तीस-तीस वर्षों से बंद पड़ी हैं, उन्हें भी पुनर्जीवित करने के बारे में विचार किया जाना चाहिए ताकि रोजगार के नये अवसर पैदा हों। इस संबंध में उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में वाराणसी के सेवापुर में खादी आश्रम 26 साल से बंद पड़ा था लेकिन आज पुनर्जीवित हो गया । इसी तरह कश्मीर में पम्पोर में खादी एवं ग्रामोद्योग केंद्र ने बंद पड़े अपने प्रशिक्षण केंद्र को फिर से शुरू किया और कश्मीर के पास तो इस क्षेत्र में देने के लिए बहुत कुछ है । प्रधानमंत्री ने कहा कि पम्पाेर में खादी प्रशिक्षण केंद्र फिर शुरू होने के कारण नई पीढ़ी को आधुनिक रूप से निर्माण कार्य करने में, बुनने में और नयी चीज़ें बनाने में एक मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि अब बड़े-बड़े काॅरपोरेट घरानों ने भी दिवाली के त्योहार पर इन दिनों तोहफे में खादी की चीज़ें देना शुरू कर दिया है और अन्य लोग भी एक दूसरे को उपहार के रूप में खादी की चीज़ें देने लगे हैं। अजय अर्चना वार्ता