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खट्टर ने की एनसीए क्षेत्र में स्थित एमएमएमई इकाईयों को नियमित करने की घोषणा

खट्टर ने की एनसीए क्षेत्र में स्थित एमएमएमई इकाईयों को नियमित करने की घोषणा

फरीदाबाद, 28 जून(वार्ता) हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने औद्योगिक नगरी फरीदाबाद के सूक्ष्म, लघु और मध्यम इकाईयों(एमएसएमई) को बड़ी राहत प्रदान करते हुए नॉन कन्फर्मिंग एरिया(एनसीए) के 70 प्रतिशत से अधिक भौगौलिक क्षेत्र में स्थित एमएसएमई ईकाइयों को नियमित करने समेत आज अनेक घोषनाएं कीं।

श्री खट्टर ने यहां अखिल भारतीय विनिर्माण प्रसंघ के समन्वय से हरियाणा चैप्टर द्वारा आयोजित हरियाणा महाउद्योग संगम में बतौत मुख्यातिथि अपने सम्बोधन में हरियाणा औद्योगिक सर्वेक्षण कराने, एनसीए के 70 प्रतिशत से अधिक भौगौलिक क्षेत्र में विकसित ईकाइयों को नियमित करने और 70 प्रतिशत से कम क्षेत्र की ईकाइयों को भी अलग प्रकार से सरकारी राहत प्रदान करने जैसे प्रस्ताव तथा ऐसे क्षेत्रों के लोगों का रहन-सहन बेहतर करने की घोषणाएं कीं। इसके लिए सरकार द्वारा सार्वजनिक निजी भादीदारी(पीपीपी) आधार पर ऐसे उद्यमियों को दूसरे स्थान पर जमीन भी मुहैया कराएगी और उस क्षेत्र को वाणिज्यिक क्षेत्र घोषित किया जाएगा। ऐसे वाणिज्यिक क्षेत्र से प्राप्त राजस्व हरियाणा सरकार और उद्यमी 50-50 प्रतिशत के अनुपात में लेंगें तथा उद्यमी अपने 50 प्रतिशत के इस राजस्व से दूसरी जगह जमीन खरीद सकते हैं और अपनी ईकाई स्थापित कर सकते हैं जिससे राज्य के अन्य क्षेत्रों का भी विकास होगा।

उन्होंने बताया कि सरकार की नई उद्यम प्रोत्साहन नीति के तहत औद्योगिक क्षेत्र में पिछड़े ग्रुप-सी और डी खंडों में अनेक रियायतें दी गई हैं जिनमें 20 किलोवाट लोड तक की ईकाईयों के लिए बिजली दर 4.75 प्रति युनिट की गई है। इसके अलावा नए स्थापित उद्योगों में राज्य के लोगों के लिए रोजगार देने के लिए तीन साल तक सरकार की ओर से तीन हजार रुपये महीना अर्थात 1.80 लाख रुपये उस उद्यमी को दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि फरीदाबाद का जिस ढंग से औद्योगिक विकास होना चाहिए था वह पिछली सरकारों ने नहीं किया। वह इस औद्योगिक नगरी को इसकी पुरानी पहचान पुन: दिलाना चाहते हैं। पुराने फरीदाबाद के घर-घर में छोटी-छोटी ईकाइयां हैं। हरियाणा विधानसभा में इन ईकाइयों को राहत प्रदान करने के लिए विधेयक पारित किया गया था। इस सम्बंध में केंद्रीय श्रम कानून में आवश्यक संशोधन हेतु उन्होंने केंद्र को एक पत्र भी लिखा है जिसमें बिजली के साथ स्थापित ईकाई पर फैक्टरी एक्ट लागू करने के लिए मजदूरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 20 करने और बिना बिजली वाली ईकाई में मजदूरों की संख्या 20 की बजाए 40 करने की अनुमति मांगी गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी ईकाइयों को सरकार की ओर से भूमि उपयोग परिवर्तन(सीएलयू) प्रदान करने में कोई आपत्ति नहीं होगी। उन्होंने एमएसएमई को प्रदूषण, श्रम तथा उद्योग विभाग से सम्बंधित कठिनाईयां दूर करने और यहां सड़क, पानी और सीवरेज जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने का भी आश्वासन दिया।

श्री खट्टर ने कहा कि प्रदेश में बिजली की कोई कमी नहीं है। बिजली के अभाव में उद्योग पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन्होंने फरीदाबाद के निकपुर गांव में छह एकड़ क्षेत्र में 66 केवी क्षमता का सब-स्टेशन और सेक्टर-58 में 220 केवी क्षमता का सब-स्टेशन स्थापित करने की भी घोषणा की जो लगभग एक वर्ष में बन कर तैयार हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में गत चार वर्षों में काफी सुधार हुआ है और प्रदेश के इतिहास में पहली बार चारों बिजली निगमों की कम्पनियां लाभ में आई हैं। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के सात जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जा रही है और फरीदाबाद भी उन जिलों में शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल हरियाणा इन्वेस्टर सम्मिट में हुए लगभग 350 एमओयू में से 35 प्रतिशत धरातल पर आ गए हैं। अब मौजूदा सरकार में 25 हजार करोड़ का निवेश आया है। इससे 3.97 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि कुंडली-मानेसर-पलवल के इर्द-गिर्द पड़ऩे वाले राज्य के जिलों में औद्योगिक विकास की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में ईज ऑफ डुइंग बिजनेस के मामले में हरियाणा देश में 14वें स्थान पर था जो आज उत्तरी भारत में पहले तथा देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। इसके लिए उन्होंने उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव देवेंद्र सिंह और उनकी टीम की सराहना की जिन्होंने एक मिशन के रुप में इस कार्य को पूरा किया।

उन्होंने कहा कि शासन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए 17 विभागों की सेवाएं एक ही छत के नीचे पंचकूला में हरियाणा उद्यम प्रोत्साहन केंद्र में उपलब्ध कराई जा रही हैं और 45 दिन के भीतर उद्योगों के लिए सभी प्रकार के लाइसेंस, सर्टिफिकेट और अन्य क्लीयरेंस पूरी की जाती हैं। अगर 45 दिन में नहीं होती हैं तो वे स्वत: ही मंजूर समझी जाती हैं।

श्री खट्टर ने कहा कि राज्य की पिछली सरकारों में भूमि अधिग्रहण के नाम पर गफ्फे मारे जाते थे। इससे सब भलिभांति परिचित हैं। इस व्यवस्था को ठीक करने के लिए हमने ई-भूमि पोर्टल शुरू किया है जिस पर कोई भी व्यक्ति अपनी जमीन बेच या खरीद सकता है। पोर्टल पर बाजार दर अनुसार जमीन की कीमत स्वयं भू-मालिक तय कर सकता है। उद्यमी ई-भूमि पोर्टल के माध्यम से जमीन खरीद सकते हैं।

इस अवसर पर राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री विपुल गोयल, विधायक मूलचंद शर्मा, टेकचंद शर्मा और नागेंद्र भड़ाना तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी और उद्यमी उपस्थित थे।

रमेश1829वार्ता

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