कोटा, 25 नवम्बर(वार्ता) राजस्थान में कोटा को जहां स्मार्ट सिटी के साथ पर्यटन नगरी, ट्रैफिक लाइट फ्री सिटी बनाने की तैयारी जोर शोर पर चल रही है वहीं कोचिंग सिटी जल्द केटल फ्री शहर भी बनने जा रहा है।
नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की पहल पर प्रदेश ही नहीं देश की अनूठी योजना जो पशुपालकों को प्राकृतिक माहौल के बीच शहरी क्षेत्र की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाने और उनके जीवन स्तर में अमूलचूल परिवर्तन करने वाली नगर विकास न्यास की देवनारायण योजना लगभग तैयार हो चुकी है।
नगर विकास न्यास के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पशुपालकों को एक ही जगह पर सभी सुविधाएं प्रदान किए जाने ओर कोटा शहर को पशुओं से मुक्त और पशुपालकों के जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से बनाई गई देवनारायाण योजना का कार्य अब अतिम दौर में है। योजना के तहत 738 आवासों का मय बाडे , चारा स्टोर की सुविधा के साथ निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
इसके साथ ही देवनारायण योजना में पशुपालको उनके परिवारों के लिए पानी, बिजली, सड़क, चिकित्सा , गोबर गैस संयंत्र पुलिस चौकी , प्रशासनिक भवन आदि की सुविधाएं भी उपलब्ध करवा रही है यही नही पशुपालकों के लिए सामुदायिक भवन, बच्चों के लिए स्कूल, चिकित्सालय, पशु चिकित्सालय जैसी सभी सुविधाएं भी दी जा रही है। पशुओं के लिए तालाब, खुला चारागाह, विचरण के लिए प्रतिकूल जगह भी उपलब्ध है।
आवारा मवेशियों की समस्या के निदान के लिए देवनारायण नगर एकीकृत आवासीय योजना के तहत राजस्व ग्राम धर्मपुरा एवं बंधा की 105.09 हैक्टेयर भूमि का चयन किया गया था। योजना के तहत पशुपालकों के लिए 738 आवासीय भूखण्डों का निर्माण किया गया है। योजना में आवासीय भूखण्डों के अतिरिका डेयरी उद्योग,भूसे गोदाम, खलचूरी गोदाम के साथ सामान्य व्यावसायिक क्षेत्र भी बनाये गए है। योजना में विद्यालय भवन , प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र , पशु चिकित्सालय , सामुदायिक भवन , सोसायटी कार्यालय , पुलिस चौकी जी,पानी की टंकियां, सीवरेज लाइन, पार्क,नाली,सड़के, पशुमेला मैदान , दुग्ध मण्डी एवं रंगमंच आदि का भी निर्माण किया किया गया है ।
यहाँ लगभग 15 हजार पशुओं से प्राप्त गोबर के निस्तारणके लिये न्यास द्वारा बायोगैस संयंत्र की स्थापना की जा रही है जिसका कार्य जल्द हो जाएगा। बायोगैस संयंत्र से अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त होगी।
हाड़ा जोरा
वार्ता