नयी दिल्ली 17 अक्टूबर (वार्ता) कुवैत 11वें अमीर शेख सबाह अल अहमद अल जबेर अल सबाह के निधन पर भारत की ओर से व्यक्त की गयी भावनाओं से बहुत अभिभूत है और दिवंगत अमीर की पुत्री ने इन भावनाओं की भूरि भूरि प्रशंसा करते हुए कहा है कि भारत द्वारा दिया गया सम्मान एवं श्रद्धांजलि हृदयस्पर्शी है जिसने व्यक्तिगत रूप से सभी कुवैत वासियों के दिल को छुआ है।
कुवैत के अमीर का गत 29 सितंबर को 91 वर्ष की आयु में अमेरिका के एक अस्पताल में निधन हो गया था। विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कुवैत के दूतावास जाकर अमीर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की और विजिटर बुक में शोक संदेश लिखा। दिवंगत अमीर के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिए केन्द्र सरकार ने पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को कुवैत भेजा। भारत में दिवंगत अमीर के सम्मान में चार अक्टूबर को राष्ट्रीय शोक घोषित किया गया।
विदेश मंत्री ने विजिटर बुक में अपने शोक संदेश में कहा, “अमीर एक दूरदर्शी नेता, भारत के सच्चे मित्र थे और हमारे द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने में उनके अपार योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा।”
भारत की ओर से कुवैत के साथ अपने रिश्तों को खास तरजीह देते हुए केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान को दिवंगत अमीर को श्रद्धांजलि देने के लिए कुवैत भेजा गया । वह अपने साथ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पत्र लेकर भी गये थे। श्री प्रधान ने वहां कुवैत के नये अमीर शेख नवाफ अल अहमद अल जाबेर अल सबाह तथा क्राउन प्रिंस शेख मिशाल अल अहमद अल जाबेर अल सबाह से भेंट करके उनको बधाई दी और दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंधों को रेखांकित की। इस मुलाकात को भारत कुवैत संबंधों को नया आयाम दिये जाने की पहल के रूप में देखा गया।
भारत की इस भावना को कुवैत में बहुत सराहा गया। कुवैत के 11वें अमीर की पुत्री शेखा हुस्सा सबाह अल सलेम अल सबाह ने 07 अक्टूबर को भारतीय दूतावास को पत्र भेजकर भारत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा दिवंगत अमीर को भारत द्वारा दिया गया सम्मान एवं श्रद्धांजलि हृदयस्पर्शी थी जिसने व्यक्तिगत रूप से मेरे साथ साथ सभी कुवैत वासियों के दिल को छुआ है।
भारत एवं कुवैत के बीच मधुर एवं मैत्रीपूर्ण संबंध अनेक शताब्दियों से चले आ रहे हैं। भौगोलिक सन्निकटता ऐतिहासिक व्यापार की कड़ी सांस्कृतिक संबद्धता और बड़ी संख्या में प्रवासी भारतीयों की मौजूदगी आदि इन संबंधों को सतत बनाये रखने के लिए इस का पोषण करते आ रहे हैं। कुवैत में भारतीय मूल के करीब दस लाख लोग रहते हैं जिनमें अर्द्ध कुशल श्रमिकों के साथ ही इंजीनियर, चार्टर्ड एकाउंटेंट वैज्ञानिक, सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ, प्रबंधन सलाहकार, आर्किटेक्ट जैसे पेशेवर शामिल हैं। पूर्व अमीर भारत के लोगों के लिए एक भरोसे की तरह थे और वह भारतीयों की मदद के लिए तैयार रहते थे।
सचिन
वार्ता