राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Mar 29 2020 8:55PM बिना जांच के बिहार में दाखिल हो रहे मजदूर : राजद
पटना 29 मार्च (वार्ता) बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने नीतीश सरकार पर दूसरे प्रदेशों से आ रहे बिहारी मजदूरों के प्रति गंभीर नहीं होने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि सरकार की उदासीनता का ही नतीजा है कि बगैर जांच कराए लोग धड़ल्ले से राज्य में प्रवेश कर रहे हैं।
राजद के प्रदेश प्रवक्ता एवं सोनपुर के विधायक डॉ. रामानुज प्रसाद ने यहां कहा कि राज्य सरकार की उदासीनता का इससे पता चलता है कि दूसरे प्रदेशों से आ रहे बिहारी मजदूरों का कोई जांच नहीं हो रही है। लोग किसी तरह अपने घर पहुंचना चाह रहे हैं और बिहार सरकार ने जो हेल्पलाइन नंबर जारी किया है उस पर फोन लगता ही नहीं है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के स्थानिक आयुक्त विपिन कुमार का जो नंबर जारी किया गया है वह भी नहीं लगता है और जब रिंग होता है तो रिसीव नहीं किया जाता। इसी तरह का हाल अन्य हेल्पलाइन नंबरों का है।
राजद विधायक ने कहा कि सरकार की उदासीनता के कारण दूसरे प्रदेशों से धड़ल्ले से लोग आ रहे हैं। राज्य सरकार ने बाहर से आए लोगों को क्वारंटाइन कर उसकी जांच कराने की कोई व्यवस्था नहीं की है। उन्होंने कहा कि इसका परिणाम है कि इंदौर से आए 45 वर्षीय सोनपुर के सहवास मुहल्ले के नसीरुद्दीन मियां की घर पर इलाज करने से मौत हो गई। उसकी मौत के बाद भी जांच में आनाकानी की गई। उन्होंने सरकार से मांग की है कि बिहार से बाहर फंसे मजदूरों को तुरंत राहत उपलब्ध कराए जाने के साथ ही वहां कैंप लगाकर खाने-पीने तथा कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच कराई जाए।
उपाध्याय सूरज
वार्ता