नयी दिल्ली, 13 जुलाई (वार्ता) अोलंपिक के एकमात्र व्यक्तिगत भारतीय स्वर्ण विजेता निशानेबाज़ अभिनव बिंद्रा ने मौजूदा व्यवस्था पर कड़ा प्रहार करते हुये शुक्रवार को कहा कि आज देश में खेल विधेयक की सख्त जरूरत है लेकिन इसे लाने में राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है।
बिंद्रा ने ओपीपीआई (स्वास्थ्य और उम्मीद) के वार्षिक सम्मेलन में अपने करियर की शुरूआत से लेकर मौजूदा खेल व्यवस्था पर बारीकी से नज़र डालते हुये कहा,“ हम हर ओलंपिक के समय इस बात का ही रोना रोते हैं कि हमें एक दो पदक क्यों मिले, यह सिलसिला अगले चार वर्ष तक फिर बना रहता है। चार वर्ष बाद फिर वैसी ही स्थिति रहती है और हम इसी तरह शोर मचाते हैं जबकि हमें अपनी योजना में निरंतरता बनाये रखने की जरूरत है।”
निशानेबाजी से संन्यास ले चुके और अब देश में युवा निशानेबाजों को तैयार कर रहे बिंद्रा ने कहा,“ देश में खेल प्रशासन में बदलाव लाने की सख्त जरूरत है। खेल विधेयक आज के समय की जरूरत है लेकिन अफसोस इस बात का है कि राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में खेल विधेयक नहीं लाया जा रहा है। जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे तो हम हर चार वर्ष बाद ओलंपिक के समय इसी बात का शोर मचाएंगे कि हमें ज्यादा पदक क्यों नहीं मिलते।”
2008 के बीजिंग ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले बिंद्रा ने खेल परिदृश्य में सुधार लाने के लिये कहा,“ योजना में निरंतरता लानी होगी, ग्रास रूट स्तर पर खेलों को बढ़ावा देना होगा और युवा प्रतिभाओं में निवेश करना हाेगा तभी जाकर हम भविष्य के लिये अच्छे खिलाड़ी सामने ला पाएंगे। जब तक आप एक नयी पौध तैयार नहीं करेंगे तो भविष्य के चैंपियन कैसे तैयार होंगे।”