खेलPosted at: Nov 3 2020 9:35PM टूर्नामेंटों की कमी से कठिन होगी टोक्यो ओलंपिक की राह : देसाई
मुंबई, 03 नवंबर (वार्ता) राष्ट्रीय टेबल टेनिस चैंपियन हरमीत देसाई के कहना है कि कोविड-19 महामारी के कारण टूर्नामेंट की कमी होने से 2021 के टोक्यो ओलंपिक खेलों की राह मुश्किल हो गई है।
देसाई ने लाइव ऑनलाइन चैट शो ‘इन द स्पोर्टलाइट’ में हमवतन टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी के साथ बातचीत के दौरान यह बात कही। उन्होंने कहा, “हमारे पास मजबूत टीम है और इसलिए मेरे लिए शीर्ष दो खिलाड़ियों से आगे जाने की चुनौती होगी। शरथ और सत्यन वास्तव में बेहतरीन खिलाड़ी हैं। मुझे अगर इस अवधि में अधिक अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलने का मौका मिलता तो यह मेरे लिए बहुत बेहतर होता क्योंकि मुझ पर किसी भी अंक का बचाव करने का दबाव नहीं होता। मेरे ऊपर केवल ओमान ओपन में अपने प्रदर्शन के दम पर ही अंक हासिल करने का मौका था। यह दुखद है कि वह मौका भी हाथ से चला गया। ”
सूरत के 27 वर्षीय देसाई ने कोरोना वायरस महामारी से पहले ओमान ओपन में अंतिम चार में प्रवेश किया था और उन्हें उम्मीद है कि अगर टोक्यो ओलंपिक में मौका नहीं मिला तो वह 2024 के ओलंपिक में निश्चित तौर पर अपना पर्दापण करेंगे। उन्होंने कहा, “भले ही मेरे लिए अब क्वालीफाई करना बहुत कठिन है लेकिन मुझे अभी भी इसकी उम्मीद है। अगर इस बार प्रवेश नहीं कर सका तो 2024 ओलंपिक के लिए और कठिन मेहनत करूंगा।”
2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में सवर्ण पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे देसाई ने कहा, “भारतीय टेबल टेनिस ने अपने अच्छे प्रदर्शन के दम पर पिछले कुछ वर्षों से काफी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। सरकार और खेल संघ का सहयोग और खिलाड़ियों की कड़ी मेहनत ने भारतीय टेबल टेनिस के उत्थान में अहम भूमिका निभाई है। अब यूरोपीय देशों के खिलाड़ी भी भारत में खेलने आ रहे हैं। अब हमें इस बात का भरोसा हो गया है कि हम अपने से मजबूत किसी भी टीम को हराने में सक्षम हैं।”
कोविड के बाद सामान्य होती स्थिति के बीच देसाई फ्रेंच लीग में हिस्सा लेने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। वह इस दौरान जर्मनी में प्रशिक्षण ले रहे हैं और उन्होंने यूरोप में रहने का मन बना लिया है।
शुभम राज
वार्ता
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