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कांशीराम को श्रद्धाजंलि अर्पित करेंगे लाखों बसपा कार्यकर्ता

कांशीराम को श्रद्धाजंलि अर्पित करेंगे लाखों बसपा कार्यकर्ता

लखनऊ 08 अक्टूबर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के लाखों कार्यकर्ता अपने प्रणेता कांशीराम को उनके 15वें परिनिर्वाण दिवस श्रद्धाजंलि अर्पित करेेंगे।

पुरानी जेल रोड स्थित कांशीराम स्मारक स्थल पर आयोजित होने वाले श्रद्धाजंलि कार्यक्रम में भाग लेने के लिये कार्यकर्ताओं का लखनऊ पहुंचना शुरू हो गया है। कांशीराम स्मारक स्थल और आसपास के क्षेत्र में नीले झंडे के साथ कार्यकर्ताओं ने डेरा जमाना शुरू कर दिया है।

पार्टी महासचिव सतीश चन्द्र मिश्रा ने शुक्रवार को बताया कि पार्टी सुप्रीमो मायावती सुबह करीब साढ़े दस बजे श्री कांशीराम को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी और बाद में जनसभा को संबोधित करेंगी। कार्यक्रम के संयोजक नौशाद आलम ने कहा कि हर कार्यकर्ता पूरी शिद्दत के साथ अपने मसीहा को श्रद्धाजंलि अर्पित करने के लिये उतावला है। कल की जनसभा के लिये कार्यकर्ताओं का जुटना शुरू हो गया है और अब तक हजारों की तादाद में लोग यहां आ चुके हैं।

उन्होने कहा कि पिछले साल कोविड-19 के कारण कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा था जबकि इस साल हर कार्यकर्ता को कोविड प्रोटोकाल का पालन करने की हिदायत दी गयी है। मास्क और सोशल डिस्टेसिंग के साथ कार्यकर्ता अनुशासित तरीके से अपनी प्रिय नेता मायावती के उदबोधन को सुनेगा। उन्होने कहा कि हर साल की तरह इस बार भी पार्टी की तरफ से दूरदराज के क्षेत्रों से आने वाले कार्यकर्ताओं के रहने खाने का कोई इंतजाम पार्टी की ओर से नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि पिछले महीने पार्टी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में पार्टी सुप्रीमो मायावती ने कांशीराम के परनिर्वाण दिवस को कोरोना प्रोटोकाल के साथ मनाने का एलान किया था। एक अनुमान के अनुसार इस अवसर पर लखनऊ में दो लाख से अधिक कार्यकर्ताओं के जुट सकते हैं। इस आयोजन के जरिये पार्टी के पास जनाधार दिखाने का भरपूर मौका होगा। विधानसभा चुनाव से पहले बसपा शक्ति प्रदर्शन के जरिये विपक्षी दलों के साथ ही दलितों को भी यह संदेश देगी कि बसपा सभी वर्गों को साथ लेकर जरूर चल रही है, लेकिन उसे अपने कोर दलितों वोटर पर सबसे ज्यादा भरोसा है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार प्रदेश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र से एक हजार कार्यकर्ताओं को लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिस लिहाज से चार लाख तक कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में जुट सकते हैं। इतनी भीड़ में कोविड गाइडलाइंस का पालन करना और उसे नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती होगी।

प्रदीप

वार्ता

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