नयी दिल्ली 09 मई (वार्ता) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ-साथ मैत्री संदेश देकर राजदूत की भी भूमिका निभा रहा है।
श्री शाह ने आज पश्चिम बंगाल में भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण और सीमा सुरक्षा बल के विभिन्न विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास करने के समय यह बात कही। उन्होंने एकीकृत चेकपोस्ट पेत्रापोल पर मैत्रीद्वार, सीमा सुरक्षा बल की नवनिर्मित चौकियों और अन्य भवनों का भी वर्चुअल उद्घाटन किया।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री निशिथ प्रमाणिक, केन्द्रीय पत्तन मंत्री शांतनु ठाकुर , भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण के अध्यक्ष और सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि यह प्राधिकरण न केवल देश की अर्थव्यवस्था को गति देने वाली संस्था है बल्कि भारत के मैत्री के संदेश की राजदूत भी है। उन्होंने कहा कि भारत की 15 हज़ार किलोमीटर लंबी भूमि सीमा और सभी दक्षिणी एशियाई देशों के साथ हमारे सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए यह प्राधिकरण बड़ी संस्था के रूप में काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि पेत्रापोल पर प्रतिदिन 600-700 ट्रक का आवागमन और व्यापार होता है जिससे यहां अक्सर भीड़भाड़ की समस्या रहती थी लेकिन अब यहां दूसरा कार्गो गेट बनने से इस समस्या का समाधान हो जाएगा।
श्री शाह ने कहा कि 2016 से 2022 के दौरान लैंड पोर्ट कार्गो और यात्री के आंकड़ों में काफी वृद्धि हुई है। पहले यहां से 18000 करोड़ रूपए का व्यापार होता था जो बढ़कर आज 30000 करोड़ रुपए पार कर गया है। वर्ष 2022-23 में लैंड पोर्ट से लगभग 20 लाख यात्रियों की आवाजाही हुई है। इसके अलावा पेट्रापोल में 2021 में यात्री टर्मिनल बनने के बाद से सालाना 5 लाख यात्री, यानी रोज़ाना लगभग 11000 यात्रियों की आवागमन की सुविधा हुई है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि भारत,“बंगलादेश संबंध साझा संस्कृति, भाषा, कला और जीवन परंपराओं पर आधारित हैं और इन्हें आसानी से तोड़ा नहीं जा सकता। श्री शाह ने कहा कि हज़ारों सालों से एक ही संस्कृति के आधार पर जीने वाले दो राष्ट्रों के बीच, बंगलादेश के जन्म से लेकर आज तक भारत ने हमेशा बंगलादेश के इतिहास में मैत्रीपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया है। बंगलादेश की आजादी की लड़ाई में सीमा सुरक्षा बल का स्वर्णिम योगदान रहा है और इसी कारण आज भी भारत और बंगलादेश के बीच सौहार्द्रपूर्ण और गर्मजोशी पर आधारित रिश्ते रहे हैं, जिन्हें इस स्थान से नई गति और ऊर्जा मिलेगी।”
संजीव,आशा
वार्ता