राज्य » उत्तर प्रदेशPosted at: Jan 10 2020 7:44PM हिंदी लोकमंगल की भाषा : दीक्षित
कानपुर, 10 जनवरी (वार्ता) उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने कहा कि हिंदी भाषा लोकमंगल की भाषा है जिसका भारतीय संस्कृति को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
श्री दीक्षित ने शुक्रवार को बीएनएसडी इंटर कॉलेज में आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुये कहा कि स्वाधीनता संग्राम की भाषा भी हिंदी रही है। हिंदी केवल भाषा ही नहीं है बल्कि इसके अंदर हमारी संस्कृति, ज्ञान, विज्ञान एवं संस्कार जुड़े हुए हैं। हिंदी हमारी प्राण की भाषा है।
उन्होंने स्वीकार किया कि अंग्रेजी हिंदी की तुलना में कमजोर भाषा है। हिंदी की वर्णमाला अंग्रेजी की तुलना में अधिक बेहतर एवं शक्तिशाली है| हिंदी सरल एवं अपने भाव को पूर्ण रूप से व्यक्त करने की भाषा है। सभी को हिंदी सीखना चाहिए।
श्री दीक्षित ने कहा “ हम सभी लोग हिंदी प्रदेश के निवासी हैं। उत्तर भारत की विशेषता जनतंत्र है आग्रही नहीं है। लोकतांत्रिक होना समन्वय का अवसर देता है। हिंदी विश्व भाषा के प्रतिष्ठित होने योग्य है। हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा होते हुए भी हम सभी हिंदी के प्रति सजग नहीं रहते हैं तथा घरों में बच्चों एवं आपसी वार्तालाप में अंग्रेजी शब्दों का प्रयोग करते हैं| ग्रामीण भारत में हिंदी को ही विशेष रूप से जाना व समझा जाता है। ”
उन्होने कहा कि सभी को हिंदी भाषा को लेकर गर्व होना चाहिए तथा हीन भाव को नहीं महसूस करना चाहिए। कर्नाटक पश्चिम बंगाल व अन्य प्रदेशों में भी हिंदी भाषा का काफी विकास हुआ है।उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा का पूरे देश व दुनिया में भविष्य उज्जवल है|
सं प्रदीप
वार्ता