गाजीपुर 03 जुलाई (वार्ता)परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी को उनके पैतृक गांव धामुपुर में शनिवार को सुपुर्द ए खाक किया गया।
वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी को उनके पैतृक गांव धामूपुर में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया। इसके पहले रसूलन के दुल्लहपुर आवास से जनाजा लेकर सैकड़ों लोग पैतृक गांव के लिए निकले। जनाजे को कंधा देने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। लगभग आधे घंटे बाद लगभग दो बजे अब्दुल हमीद स्मारक के पास उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
इस अवसर पर हजारों की संख्या में गणमान्य नागरिको ने रसूलन बीबी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पार्थिव शरीर को कंधा देने के लिए लोगों में होड़ मची रही। शुक्रवार को दोपहर रसूलन बीबी के निधन के बाद जिले में शोक की लहर दौड़ गई थी। श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके घर लोगों का तांता लगा रहा। शनिवार की दोपहर दुल्लहपुर स्थित आवास से उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटकर पैतृक गांव धामुपुर ले जाया गया।
दुल्लापुर बाजार, जलालाबाद मोड़, अमारी गेट झोटारी समेत रास्ते में पड़ने वाले बाजारों और गांवों में लोगों ने वीर नारी को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके पैतृक गांव स्थित शहीद पार्क में उनका शव ले जाया गया जहां वीर अब्दुल हमीद की मूर्ति के सामने पार्थिव शरीर रखकर लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की।
जिलाधिकारी के बाला जी एवं पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद चतुर्वेदी ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में कांग्रेस के पूर्व विधायक वाराणसी अजय राय, भाजपा विधायक सुनीता सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष भानू प्रताप सिंह, सपा से जिलाध्यक्ष ननकू यादव , लालजी यादव, अमीर अली, जैकिशन साहू , गोपाल यादव ,समेत जिले के अनेक नेताओ ने श्रद्धांजलि अर्पित की। सेना की ओर से बिग्रेडियर आर पी सिंह व 39जीटीसी कमांडर एस एम सहित तमाम लोग मौजूद थे । इस अवसर पर बिग्रेडियर आर पी सिंह ने एक लाख का चेक रासुलन बीबी के बड़े बेटे जैनुल हसन को दिया।
गौरतलब है कि वर्ष 1965 में भारत- पाकिस्तान युद्ध के हीरो रहे परमवीर चक्र विजेता शहीद वीर अब्दुल हमीद की पत्नी रसूलन बीबी का शुक्रवार दोपहर निधन हो गया था। वीर हमीद गाजीपुर के निवासी थे। रसूलन बीबी बीमार चल रही थीं।
रसूलन बीबी के पति वीर अब्दुल हमीद भारत- पाक युद्ध में तीन पाकिस्तानी टैंक तोड़कर दस सितंबर 1965 को युद्ध क्षेत्र में वीरगति पाए थे। रसूलन बीबी के परिवार में चार पुत्र, एक पुत्री, नाती और पोते हैं। वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में अदम्य साहस का परिचय देते हुए पाकिस्तान के टैंक को नष्ट करने वाले गाजीपुर जनपद के जाबांज अब्दुल हमीद को मरणोपरान्त भारत का सर्वोच्च शौर्य सैन्य अलंकरण ‘परमवीर चक्र’ प्रदान किया गया था।
सं भंडारी
वार्ता