नयी दिल्ली 13 अक्टूबर (वार्ता) आम आदमी पार्टी(आप) नेता एवं राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने कहा है कि दिल्ली में कानून -व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ रही है और यह लोगों की चिंता का विषय बन चुका है।
श्री सिंह ने रविवार को यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि दिल्ली की सड़कों पर खुलेआम गोलीबारी की जा रही है। पिछले 24 घंटे के भीतर हत्या की नौ घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा बलात्कार और छेड़छाड़ के मामले बढ़ते जा रहे हैं। उन्होंने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी का हैंडबैग छीनने की वारदात का उल्लेख किया और कहा कि भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के नेता प्रतिपक्ष की पत्नी से भी कुछ महीने पहले लूटपाट की गयी थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि अपराधों को रोकने की योजना बनाने के बजाय भाजपा गंदी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, “ हम स्पष्ट रूप से कहना चाहते हैं कि जो कोई भी अपराध करता है, चाहे वह किसी भी धर्म या जाति का हो, चाहे वह घुसपैठिया हो या कोई देश का नागरिक हो , उसे गिरफ्तार किया जाये उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था केंद्र की भाजपानीत सरकार के अधीन है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बढ़ते अपराधों को रोकने के लिए समुचित कदम उठाने के संदर्भ में केंद्र को एक पत्र भी लिखा था। उन्होंने कहा, “आप के तीनों सांसद केंद्रीय गृह मंत्री से मिले थे और दिल्ली के मुख्यमंत्री तथा पुलिस कमिश्नर सहित सभी शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक बुलाने का अनुरोध किया था, लेकिन इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। मैंने खुद संसद में इस मुद्दे को उठाया था।”
उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में अपराधों कहीं कमी आयी है तो वह केजरीवाल सरकार के प्रयासों के कारण हुआ है। मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के कारण प्रधानमंत्री की भतीजी के लुटेरे पकड़े गए।
आप नेता ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने दवाइयां तथा 200 यूनिट बिजली मुफ्त कर दी हैं। शिक्षा और स्कूल प्रणाली में सुधार किया है। सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इसके अलावा 25 प्रतिशत वायु प्रदूषण कम किया है जिससे दिल्ली डेंगू मुक्त शहर बनने की ओर अग्रसर है।
उन्होंने कहा कि ‘आप’लोगों की हित के काम में लगी है जबकि भाजपा इन कामों पर केवल टिप्पणी और आलोचना करने में व्यस्त है। अपनी विफलता को छिपाने के लिए भाजपा नेता केजरीवाल सरकार पर हमला करने के लिए नयी नयी कहानियां गढ़ रहे हैं।
टंडन आशा
वार्ता