नयी दिल्ली 10 सितम्बर (वार्ता) वाम दलों ने पेट्रोल एवं डीजल की रोज बढ़ती कीमतों के विरोध में आज देशभर में भारत बंद का आयोजन किया और धरना-प्रदर्शन कर चक्का जाम किया।
राजधानी दिल्ली के अलावा बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश आदि में वाम नेताओं ने जगह-जगह रैलियां निकली और गिरफ्तारियां भी दी।
दिल्ली में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भारतीय कमुनिस्ट पार्टी और इससे जुड़े श्रमिक एवं किसान संगठनों के लोगों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, अतुल कुमार अनजान, अमरजीत कौर समेत कई नेताओं ने जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन किया और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होकर मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे थे। गौरतलब है कि वाम दलों ने कांग्रेस के भारत बंद से खुद को अलग रखा और रामलीला मैदान में 21 राजनीतिक दलों की जनसभा में भाग नहीं लिया, जहाँ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, वरिष्ठ राजनेता शरद यादव, जयप्रकाश यादव आदि ने भाग लिया।
वाम दलों के धरना-प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी भाग लिया। वे भी कांग्रेस का बंद के साथ नहीं थे और इसलिए रामलीला मैदान की रैली में शरीक नहीं हुए।
श्री येचुरी ने कहा कि इस ‘क्रूर’ मोदी सरकार द्वारा पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतें बढ़ाने से आम आदमी का जीना मुश्किल हो गया है। विडम्बना तो यह है कि देश के सभी पेट्रोल पम्प पर मोदी के फोटो लगे हैं। सरकार ने अपने प्रचार के लिए विज्ञापनों पर 4343 करोड़ रुपए खर्च किये हैं जो जनता का पैसा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस तरह पेट्रोल की कीमतें बढ़ाकर आम जनता पर कमरतोड़ बोझ नहीं डाल सकती। यह वृद्धि सरकार की गलत आर्थिक नीतियों के कारण हो रही है। उन्होंने कहा कि न तो मोदी को और न ही उनके किसी मंत्री को जनता की चिंता है और वे कोई रहत भी नही देना चाहते हैं, केवल जुमलेबाजी नारेबाजी तथा जनसंपर्क से यह सरकार चल रही है।
माकपा नेता ने कहा कि लोगों की नौकरियां ख़त्म हो रही हैं। रुपये की कीमत लगातार गिरती जा रही है, विनिर्माण तथा निर्यात का बुरा हाल है, बैंकों में गैर निष्पादित सम्पत्ति बढ़ता जा रही है। मोदी सरकार केवल विज्ञापनों और झूठे प्रचारों पर टिकी हुई है।
भारत बंद के दौरान वाम नेताओं ने 2019 में मोदी को हटाने की भी जनता से अपील की और कहा कि चार सालों में देश साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण दंगे फसाद और नफरत की आग में जल रहा है जबकि जनता के मुद्दे हाशिये पर चले गए और गौ रक्षा जैसे नकली मुद्दे हावी हो गए।
अरविन्द.श्रवण
वार्ता