श्रीनगर, 15 सितंबर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर में स्थिति अभी भी पूरी तरह से सामान्य नहीं हैं तथा लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि रविवार को घाटी के किसी भी इलाके में कर्फ्यू नहीं लगाया गया है और शनिवार रात को घाटी में अधिकतर जगहों पर हालात शांतिपूर्ण रहे। हालांकि कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए घाटी के कईं इलाकों में चार से अधिक लोगोंं केे एक साथ एकत्र होने से रोकने के लिए प्रशासन ने धारा 144 लगा रखी है।
ऐतिहासिक जामिया मस्जिद के सभी दरवाजे पांच अगस्त से ही बंद है और यहां किसी भी तरह के प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उत्तर कश्मीर के बारामूला से बड़गाम, श्रीनगर और अनंतनाग के रास्ते जम्मू क्षेत्र के बनिहाल के बीच चलने वाली रेल सेवाएं 5 अगस्त से ही स्थगित है। दूरसंचार के साधन लैंडलाइन फोन, इंटरनेट और मोबाइल फोन सेवा के बहाल नहीं होने से लोगों को एक दूसरे से संपर्क बनाने में खासी दिक्कतें आ रही हैं। पिछले सप्ताह हालांकि घाटी में लैंडलाइन सेवाएं बहाल कर दी गयी है।
इसके अलावा शिक्षण संस्थान सबसे ज्यादा प्रभावित है और पढ़ाई फिर शुरू करने के फैसले के बाद भी छात्र विद्यालय से दूरी बनाए हुए हैं जबकि शिक्षक और अन्य कर्मचारी अपने काम पर समय से आ रहे है।
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू- कश्मीर और लद्दाख में विभाजित करने का ऐलान किया था। ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में कारोबारी प्रतिष्ठान और दुकानें बंद हैं। सड़कों पर वाहन नजर नहीं आये हालांकि निजी वाहनों का आवगमन जारी है।
श्रीनगर का मशहूर रविवार बाज़ार भी हड़ताल के आह्वान के कारण बंद रहा लेकिन कई विक्रेताओं ने सड़कों पर स्टाल लगाए मगर कोई भी ग्राहक सामान लेने नहीं आया।
कश्मीर घाटी में अन्य जगहों पर जनजीवन प्रभावित रहा और दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद है।
अनंतनाग से मिली एक रिपोर्ट के अनुसार दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा और शोपियां जिले में सभी कारोबारी प्रतिष्ठान तथा दुकानें बंद हैं। मध्य कश्मीर के गंदेरबल , बडगाम, साेपाेर, पाटन, पलहान, बांदीपोरा, अजस तथा उत्तर कश्मीर की झेलम नदी और उसके आस पास के अन्य इलाकों में भी यही स्थिति है।
जतिन जितेन्द्र
वार्ता