मनोरंजनPosted at: Jun 25 2017 7:58PM आज भी श्रोताओं को अभिभूत करता है ईद के गीत
मुम्बई. 25 जून (वार्ता) रूपहले पर्दे पर ईद जैसे पवित्र त्योहार से जुड़े गीत और दृश्य कभी फिल्म के मुख्य आकर्षण हुआ करते थे लेकिन अब तो इस त्योहार की खूशबू फिल्मों में कम ही देखने को मिलती है। राजा नवाथे की वर्ष 1958 में प्रदर्शित फिल्म “सोहनी महिवाल” एक ऐसी ही फिल्म थी जिसमें मशहूर गीत ..ईद का दिन तेरे बिन फीका ..फिल्माया गया था। मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर की सुमधुर आवाज में रचे..बसे ईद के यह गीत आज भी लोकप्रिय है। सत्तर के दशक में कई फिल्मों में ईद पर आधारित गीत और दृश्य रखे गये। इनमें अमिताभ बच्चन और प्राण पर फिल्माया गीत ..यारी है इमान मेरा यार मेरी जिंदगी.. आज भी शिद्दत के साथ सुना जाता है। इसी तरह वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म “कुर्बानी” में भी इस पर्व से जुडा ..तुझपे कुर्बां मेरी जान..गीत दर्शकों को बहुत पसंद आया था। वर्ष 1982 में प्रदर्शित फिल्म “तीसरी आंख” में लक्ष्मीकांत प्यारे लाल के संगीत निर्देशन में मोहम्मद रफी की दिलकश आवाज में रचा बसा गीत ..ईद के दिन गले मिल ले राजा.. विशेष रूप से इस अवसर पर सुनने को मिलता है। वैसे भी अन्य दिनों भी जब यह गीत फिजाओं में गूंजता है तो यह श्रोताओं को अभिभूत कर देता है। प्रेम.संजय जारी.वार्ता