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लोन मोरेटोरियम मसले पर जल्द कोई योजना लाये केन्द्र: सुप्रीम कोर्ट

लोन मोरेटोरियम मसले पर जल्द कोई योजना लाये केन्द्र: सुप्रीम कोर्ट

नयी दिल्ली, 28 सितंबर (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार को लोन मोरेटोरियम के बारे में अपनी योजना जल्द प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए इस मामले की सुनवाई की तिथि पांच अक्टूबर निर्धारित की है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने तीन न्यायाधीशों की पीठ से कहा कि केन्द्र सरकार ने लोन मोरेटोरियम की अवधि बढ़ाने, मोरेटोरियम अवधि के ब्याज आदि मुद्दों पर विचार के लिए एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट देने के लिए कुछ और समय की मांग की है। पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और एम आर शाह हैं।

इस मामले की 10 सितम्बर को हुई सुनवाई के दौरान उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र को मोरेटोरियम मुद्दे पर एक योजना के साथ आने के लिए दो सप्ताह का वक्त दिया था। गौरतलब है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लगाये गये लॉकडाउन को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने 27 मार्च को सभी बैंकों को एक मार्च से 31 मई तक कर्ज की किश्तें अदा करने में छूट देने की अनुमति दी थी।

रिजर्व बैंक ने इसके बाद छूट की यह अवधि 31 अगस्त तक बढ़ा दी थी। इसके बाद केन्द्र सरकार ने कहा था कि यह लोन मोरेटोरियम की अवधि दो वर्ष तक बढ़ायी जा सकती हैै। इस पर शीर्ष अदालत ने केन्द्र सरकार से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था।

श्री मेहता ने शीर्ष अदालत से कहा कि केन्द्र सरकार ने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है और सरकारी नीति निर्धारण से जुड़े सर्वोच्च स्तर पर इस मसले पर विचार किया जा रहा है। आगरा के गजेन्द्र शर्मा की उस याचिका पर उच्चतम न्यायालय सुनवाई कर रहा है जिसमें लोन मोरेटोरियम की अवधि में ब्याज न लेने का निर्देश देने की गुहार की गयी है। याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस के कारण लोगों की आय और व्यवसाय पर बुरा असर पड़ा है।

पीठ ने कहा, “ इस मसले पर सरकार सक्रियता के साथ विचार कर रही है और दो या तीन दिनों में इस पर कोई निर्णय हो जाने की उम्मीद है।”

याचिकाकर्ता ने अदालत से इस मसले पर कोई अंतरिम आदेश जारी करने का आग्रह किया जिसे शीर्ष अदालत ने स्वीकार नहीं किया। अदालत ने साॅलिसिटर जनरल से कहा कि वह एक अक्टूबर तक इस बारे में एक नीति लेकर आयें जिससे सभी लोग इसका अध्ययन कर सकें। उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि वह इस मसले पर सुनवाई की तिथि आगे बढ़ाने के पक्ष में नहीं है।

श्रवण जितेन्द्र

वार्ता

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