राज्य » बिहार / झारखण्डPosted at: Oct 11 2021 8:42PM लोकनायक राजनेता नहीं जनता की थे आवाज
दरभंगा 11 अक्टूबर (वार्ता) बिहार के महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति संजीव कुमार शर्मा ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश नारायण (जेपी) राजनेता नहीं बल्कि जनता की आवाज थे।
श्री शर्मा ने सोमवार को लोकनायक जयप्रकाश नारायण की 119वीं जयंती पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर राजनीतिक विज्ञान विभाग के तत्वावधान में सोमवार को आयोजित ‘जयप्रकाश नारायण और भारतीय लोकतंत्र में उनके प्रयोग’ विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि अंधिकाश लोग उन्हें सिर्फ आपातकाल से जोड़कर देखते हैं लेकिन असल में वे महात्मा गांधी के सफल भारत छोड़ो आंदोलन के नायक हैं। वह राजनेता नहीं बल्कि जनता की आवाज थे।
कुलपति ने कहा कि आजादी से पहले जेपी की भूमिका को नजर अंदाज कर दिया गया है। जन आंकाक्षाओं की पूर्ति के लिए जेपी ने जिस तरह से अंग्रेजों का विरोध किया उसी तरह का शंखनाद आजाद मुल्क की जनविरोधी सरकार के विरुद्ध भी किया है। उन्होंने कहा कि गांधीजी के विचारों को आत्मसात कर उसे जमीं पर उतारने का सफल प्रयोग उन्होंने ही किया है। जनहित के लिए ही जेपी ने सत्ताविरोधी रूख अख्तियार किया। सत्तालोलुपकों ने जेपी जैसे जननेताओं के योगदान को दरकिनार किया है पर आज भी जब जनहित की बात आती है तो गांधीजी के बाद जेपी के प्रयोगों की चर्चा की जाती है।
सं सूरज
जारी (वार्ता)