उज्जैन 03 सितम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में आज बडे ठाटबांट से भगवान महाकालेश्वर की शाही एवं अंतिम सवारी निकली और इसमें स्थानीय श्रद्धालुओं सहित देश के अन्य शहरों से लाखों की संख्या में आये लोगों का जनसैलाब उमडा।
श्रावण भादव के प्रत्येक सोमवार को निकलने वाली यह भगवान महाकाल की शाही सवारी का विधिवत पूजन-अर्चना के बाद चार बजें मन्दिर से रवाना हुई। भगवान महाकाल के श्री चंद्रमौलेश्वर के स्वरूप में निकली सवारी के पहले ऊर्जा मंत्री पारस जैन, सिंहस्थ केन्द्रीय समिति के अध्यक्ष माखनसिंह चौहान, संभागायुक्त एम.बी.ओझा, आई.जी.राकेश गुप्ता, कलेक्टर मनीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर द्वारा पूजन-अर्चन किया।
भगवान महाकाल की पालकी जैसे ही मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची। यहां पर मौजूद सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा सलामी दी गई। भगवान की यह सवारी पवित्र क्षिप्रा नदी के रामघाट तट पर पहुंचने पर जल से भगवान की अभिषेक व पूजन-अर्चन किया गया और यह सवारी के प्रमुख मार्ग से होते हुए मन्दिर पहुंचेगी।
लाव लश्कर के साथ निकली शाही सवारी में पालकी में भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर व हाथी पर, श्री मनमहेश गरूड़ रथ पर शिवतांडव की प्रतिमा नन्दी रथ पर, श्री उमामहेश डोल रथ पर होल्कर स्टेट का मुखारविंद, रथ पर श्री घटाटोप का मुखौटा तथा रथ पर सप्तधान्य शामिल थें। इस महोत्सव में सशस्त्र पुलिस व पुलिस बल की टुकडियों के साथ 64 भजनमंडलिया सम्मिलित हुई। सवारी मार्ग को आकर्षक लाईटिंग से दुल्हन की तरह सजाया गया।
सं नाग
जारी वार्ता