नयी दिल्ली 29 अक्टूबर (वार्ता) कांग्रेस ने विनिमय एवं प्रतिभूति बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी बुच को लेकर एक नया खुलासा करते हुए मंगलवार को कहा कि उन्होंने सिर्फ सेबी के नियमों का उल्लंघन ही नहीं किया है बल्कि कई गंभीर अनियमिताएं की हैं, लेकिन सरकार उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि श्रीमती बुच ने सेबी के नियमों का उल्लंघन कर बाजार से जुड़े शीर्ष अधिकारियों को अपनी संपत्ति किराए पर दी है और यह सेबी के नियमों के खिलाफ है। इसी तरह से सेबी के एक पूर्णकालिक सदस्य अनंत नारायण है जिन्होंने अपनी संपत्ति एक बड़ी शीर्ष ब्रोकर को दी है, जिसका सेबी में बड़ा दखल होता है। इस तरह इस व्यक्ति ने भी सेबी के नियमों का उल्लंघन किया है, लेकिन सरकार उनके खिलाफ कोई करवाई नहीं कर रही है।
श्री खेड़ा ने कहा “सेबी चेयरपर्सन माधबी बुच की मुंबई में एक और प्रॉपर्टी है, जो उन्होंने ग्रीन वर्ल्ड बिल्डको एंड इंफ़्रा को किराए पर दी। कंपनी के मालिक मुकुल बंसल और विपुल बंसल के प्रोफेशनल जीवन का एक बड़ा हिस्सा इंडिया बुल्स के टॉप पोजिशन पर रहा है। सेबी ने इंडिया बुल्स के कई केस देखे हैं। मतलब इंडिया बुल्स के टॉप मैनेजमेंट में जो लोग रहे हैं श्रीमती बुच अपनी प्रॉपर्टी उन्हें किराए पर देती हैं।”
उन्होंने इसे सेबी के नियमों का उल्लंघन बताया और कहा, “ऐसे में सेबी के कोड ऑफ कंडक्ट के सेक्शन 4, 7 और 8 का उल्लंघन किया गया है। वहीं दूसरा मामला समझिए- सेबी की चेयरपर्सन माधवी जी के अनलिस्टेड कंपनी में जो शेयर हैं, उन कंपनियों का पैराडाइज पेपर में नाम आता है, जिसमें प्रिडिबल हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी को सरकार के स्टार्टअप फंड से पैसा मिला है। इस कंपनी के सबसे पहले शेयर खरीदने वालों में माधवी बुच जी का नाम है।”
प्रवक्ता ने कहा, “कांग्रेस नेता राहुल गांधी के श्रीमती बुच को लेकर पिछले दो दिन से लगातार यूट्यूब चैनल पर एक-एक कर वीडियो आ रहे हैं, जिनके माध्यम से वह पूछ रहे हैं कि आखिर सरकार को उनके खिलाफ करवाई करने में किसका डर है। क्या मजबूरी है कि इतनी जानकारी होने के बाद श्रीमती बुच को बचाया जा रहा है। क्या माधवी बुच सरकार को डरा रही हैं कि मैं अकेले नहीं डूबूंगी।”
उन्होंने कहा, “श्रीमती बुच के अलावा एक और व्यक्ति सेबी से जुड़ा है, जिसका नाम अनंत नारायण है। वह सेबी के होल टाइम मेंबर हैं। अनंत जी ने भी अपनी प्रॉपर्टी एक ऐसे स्टॉक ब्रोकर को दी, जिसकी कंपनी को सेबी रेगुलेट करता है। श्री नारायण 10 अक्टूबर 2022 को सेबी के होल टाइम मेंबर बने और इन्होंने अपनी मुंबई की प्रॉपर्टी थंगम विनोद राजकुमार को दी। थंगम विनोद राजकुमार का एक ब्रोकरेज फर्म है, जिसे सेबी रेगुलेट करता है। यानी ये भी सेक्शन 4, 7 और 8 का उल्लंघन है।'
श्री खेड़ा ने सवाल किया कि श्रीमती बुच ने ऐसी कंपनी में शेयर क्यों रखे, जिनके इन्वेस्टर के नाम पैराडाइज़ पेपर में आए। अनंत नारायण ने अपनी प्रॉपर्टी एक ऐसे स्टॉक ब्रोकर को क्यों दी, जो सेबी की जांच के दायरे में आता है। उन्होंने ऐसी कंपनी में शेयर क्यों रखे, जो सेबी के दायरे में आते हैं। श्री नारायण सेबी के होल टाइम मेंबर हैं, लेकिन उनके पास इन्क्रेड कैपिटल के 70 करोड़ के शेयर हैं।
अभिनव, यामिनी
वार्ता