राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 17 2018 2:00PM कांग्रेस ने इस बार कोटा सीट से जबरदस्त दांव आजमाते हुए एक नये चेहरे विभोर सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है । श्री विभोर ने डीएसपी की सरकारी नौकरी छोडकर राजनीति में पदार्पण किया है।दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने काशी साहू पर इस दफा भी भरोसा जताते हुए दोबारा अपना उम्मीदवार बनाया है । पिछली बार 2013 के विधानसभा चुनाव में काशी साहू कांग्रेस प्रत्याशी रेणु जोगी से महज पांच हजार मतों से चुनाव हार गये थे।यहां की राजनीति में जातिगत समीकरणों को नकारा नहीं जा सकता है क्योंकि कोटा में साहू समाज के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है और भाजपा उम्मीदवार काशी साहू पिछला विधानसभा चुनाव केवल पांच हजार वोटों के अंतर से हारे थे। इसी आधार पर भाजपा ने काशी साहू को एकबार फिर मौका दिया है।क्षेत्र की समस्याओं पर नजर डाली जाये , तो कोटा से पेंड्रा तक आदिवासी बहुल इलाका है और राज्य के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी रोजी-रोटी के लिए किसानों तथा मजदूरों का पलायन एक समस्या है। इसके साथ ही पेंड्रा-गौरेला को जिला बनाये जाने की मांग भी चुनावी मुद्दा बनता रहा है।कांग्रेस ने कोटा पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है जबकि जकांछ कोटा इलाके को जोगी का गढ़ मानकर चल रही है और अपनी जीत को लेकर सुनिश्चित है। दूसरी तरफ भाजपा भी इस सीट को हथियाने पूरा दम-खम लगा रही है ।टंडन जितेन्द्रजारी वार्ता