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गोंड जनजाति कला वर्ष के रूप में मनाया जाएगा मध्यप्रदेश स्थापना दिवस : कमलनाथ

गोंड जनजाति कला वर्ष के रूप में मनाया जाएगा मध्यप्रदेश स्थापना दिवस : कमलनाथ

भोपाल, 15 अक्टूबर (वार्ता) मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर प्रदेश के इतिहास और विकास यात्रा को रेखांकित करते हुए आम लोगों की भावनाओं के अनुसार व्यापक पैमाने पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने तथा गोंड जनजाति कला वर्ष के रूप में मनाए जाने के र्निर्देश दिए हैं।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे देश में सर्वाधिक गोंड जनजाति के आदिवासी मध्यप्रदेश में निवास करते हैं। स्थापना दिवस पर गोंड जनजाति की कला और उनके विशिष्ट कार्यों को पूरे देश में प्रचारित किया जाए। उन्होंने गुरुनानक जी के 550वें प्रकाश पर्व, 14 नवम्बर को पं. जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस और 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य-तिथि पर पूरे प्रदेश में कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष पर चल रहे कार्यक्रमों की रिपोर्ट भी देने को कहा । श्री कमल नाथ आज मंत्रालय में संस्कृति विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। चिकित्सा शिक्षा एवं संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ उपस्थित थी।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अर्थाभावग्रस्त साहित्यकारों एवं कलाकारों की मासिक सहायता और चिकित्सा सहायता राशि में वृद्धि करने के प्रस्तावों को मंजूरी दी। उन्होंने प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में रखने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है, जब हम रहवासियों को प्रदेश के गौरव से जोड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम विभिन्न आयोजन कर उसमें प्रदेश के अधिक से अधिक लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करें।

श्री कमलनाथ ने कहा कि गुरुनानक जी के 550वें प्रकाश पर्व पर राज्य स्तरीय समिति गठित करें और उसके माध्यम से कार्यक्रमों की रूप रेखा तैयार की जाए। मुख्यमंत्री ने पं. जवाहर लाल नेहरू के जन्म दिवस 14 नवम्बर पर बाल सृजन केन्द्रित बहु आयामी गतिविधियों के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की पुण्य-तिथि पर देश के विकास में उनके अवदान पर आधारित कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल स्थित जनजातीय संग्रहालय के आकर्षण में और अधिक इजाफा करते हुए वहां साउण्ड एंड लाइट शो की व्यवस्था भी करें।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बैगा, भारिया और सहरिया जनजातियों से जुड़ी संस्कृति, कला, जीवन आदि पर संदर्भ केन्द्र बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा जिले के पाताल कोट तामिया में भारिया जनजाति बहुतायत में रहती है। उनकी प्रगति और उनके परिवेश को संरक्षित करें।

बैठक में मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार जबलपुर में राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर स्मारक संग्रहालय निर्माण की डीपीआर तैयार करने और भिण्ड जिले में शौर्य स्मारक निर्माण की तत्काल कार्यवाही करने को कहा गया। बताया गया कि सामाजिक सद्भाव के लिए पूरे प्रदेश में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। भारत भवन में रंग मंडल रेपर्टरी पुन: स्थापित की जाएगी। युवाओं में रचनाशीलता को प्रोत्साहित करने के लिए उन्हें विभिन्न कला आयामों से जोड़ा जाएगा।

बैठक में मध्यप्रदेश के चित्र शैलाश्रयों के दस्तावेजीकरण एवं संरक्षण तथा लालबाग पैलेस, इंदौर के अनुरक्षण एवं विकास कार्यों का अनुमोदन किया गया। मुख्य सचिव एस.आर. मोहन्ती, प्रमुख सचिव पंकज राग एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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