नयी दिल्ली, 23 सितंबर (वार्ता) बड़े बंदरगाहों को स्वायत्तता देने और उनके विनियमन संबंधी नया अधिनियम बनाने से संबंधित एक विधेयक को आज लोकसभा ने ध्वनिमत से पारित कर दिया।
किसानों के मुद्दों को लेकर प्रमुख विपक्षी दलों की अनुपस्थिति में महापत्तन प्राधिकरण विधयेक,2020 पर सदन में चर्चा हुई। जहाजरानी राज्य मंत्री मनसुख मांडवीय ने कहा कि देश में 204 छोटे-बड़े बंदरगाह हैं। हमारे बंदरगाह वैश्विक बंदरगाहों की बराबरी कर सकें इसके लिए सरकार यह विधेयक लाई है। इससे महापत्तन प्राधिकरण बोर्ड को निजी निवेश पर भी स्वयं फैसला करने का अधिकार मिल जायेगा।
चर्चा का जवाब देते हुये श्री मांडवीय ने कहा कि बंदरगाहों पर नयी प्रौद्योगिकियों का समावेश जरूरी है। पचास साल पहले पुराना अधिनियम बना था। उस समय परिस्थितियाँ अलग थीं। आज बंदरगाह विकास का द्वार बना सकता है। जब निजी निवेशक आते हैं तो वे नयी प्रौद्योगिकी लेकर आते हैं। पुराने अधिनियम में विवाद के निपटारे की व्यवस्था नहीं थी। इस विधेयक में हम विवाद निपटान व्यवस्था भी लेकर आये हैं।
उन्होंने कहा “इस विधेयक के माध्यम से हम सरकारी बंदरगाहों को भी स्वायत्ता देना चाहते हैं ताकि वे भी अपने स्तर पर शुल्क आदि से संबंधित फैसले ले सकें और प्रतिस्पर्द्धी बन सकें।” उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि बंदरगाह के किसी पेंशनधारी या कर्मचारी के हितों को कोई नुकसान नहीं होगा और उनके वेतनों में कोई कमी नहीं की जायेगी।
नया अधिनियम चेन्नई, कोचीन, दीनदयाल (कांडला), जवाहर लाल नेहरू (नहावा शेवा), कोलकाता, मंडगांव, मुंबई, न्यू मंगलौर, पारादीप, वीओ चिदम्बरम् (तूतीकोरीन) और विशाखापत्तनम् बंदरगाहों पर लागू होगा।
अजीत जितेन्द्र
जारी वार्ता