Saturday, Apr 20 2024 | Time 00:42 Hrs(IST)
image
भारत


पूरे देश में मकर संक्रांति की धूम

पूरे देश में मकर संक्रांति की धूम

नयी दिल्ली 14 जनवरी (वार्ता) पूरे देश में शनिवार को मकर संक्रांति उत्साह और हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया।

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति के त्योहार का विशेष महत्व है। मकर सक्रांति का त्योहार धार्मिक, ज्योतिषीय और सांस्कृतिक नजरिए से खास होता है। हिंदू धर्म में जहां पर सभी त्योहारों की गणना चंद्रमा की गणना पर तिथियों के अनुसार मनाया जाता है, वहीं मकर संक्रांति का त्योहार सूर्य पर आधारित पंचांग की गणना के आधार पर मनाया जाता है। सौर कैलंडर के अनुसार हर वर्ष मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाई जाती है। इस पावन त्यौहार को कई लोग खिचड़ी के नाम से जानते हैं तो कई लोग पोंगल के नाम से भी जानते हैं। इस दिन गंगा स्नान करना भी काफी शुभ माना जाता है। मकर संक्रांति के मौके पर लोग चूड़ा-दही के साथ तिलवे का भी लुत्फ उठाते हैं।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत विभिन्न राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में आज बच्चे , युवा और अन्य आयुवर्ग के लोगों ने पतंग उड़ाने का आनंद उठाया। कई स्थानों पर पतंगबाजी महोत्सव का भी आयोजन किया गया।

विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के विभिन्न दलों के नेताओं ने लोगों विशेषकर किसानों को इन पर्वाें और नई फसल के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनायें दीं।

उत्तर प्रदेश के झांसी में नगर निगम ने मकर संक्रांति के अवसर पर आज किले के सामने पार्क में आमजन के साथ मिल पतंग महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया और इसके माध्यम से नगरवासियों को पुरानी विरासत को मनाने के साथ स्वच्छता का संदेश दिया। नगर निगम द्वारा आयोजित ‘स्वच्छ विरासत’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें नगरवासियों के साथ निगम के पदाधिकारियों ने मिलकर पतंग उड़ायी । इस तरह पुराने रीति रिवाजों के साथ आज के समय की कूडा निस्तारण की एक बडी समस्या को लेकर आम लोगों को भी जागरूक करने के मकसद से इस पतंगबाजी कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर अपर नगरआयुक्त मो़ कमर ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छ विरासत अभियान चलाया जा रहा है। पतंग उत्सव इसी का एक कार्यक्रम है जिसके माध्यम से लोगों को सूखे और गीले को अलग अलग डस्टबिन में रखने के लिए जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है, इसीलिए नीले और हरे दो रंग की पतंगें उडायी जा रही हैं। इन दो रंगों की पतंगों को आसमान में देख लोग यह समझने का प्रयास करें कि उन्हें अपने घर के गीले और सूखे कूड़े को भी इन पतंगों के जैसे अलग अलग रखना है। यह कूड़ा अलग अलग करके ही डोर टू डोर कूड़ा सेवा प्रदाताओं को दें।

तेलंगाना के कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी प्रगति से प्रेरित होकर, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने कहा कि देश में उस दौर में पूर्ण क्रांति आएगी, जब कृषि पूरे देश के किसान समुदाय के लिए खुशी के त्योहार में बदलेगी। उन्होंने मकर संक्रांति, भोगी एवं और कनुमा पर्व के अवसर पर देश के किसानों और लोगों को बधाई एवं शुभकामनायें दीं।

उन्होंने कहा कि संक्रांति आगमन के शुभ अवसर पर धान का भंडार खेतों से किसानों के घर तक पहुंचा है इसलिए किसानों के लिए यह उत्सव का त्योहार है। उन्होंने कहा कि संक्रांति त्योहार किसान द्वारा धरती माता को धन्यवाद देने का दिन है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने कृषि क्षेत्र को पुनर्जीवित किया है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना राज्य के कृषि क्षेत्र द्वारा हासिल की गई प्रगति आज पूरे देश के लिए एक आदर्श बन गई है।

केसीआर ने कहा कि तेलंगाना एकमात्र ऐसा राज्य है जो कृषि क्षेत्र को मजबूत करने की दिशा में लाखों करोड़ रुपये खर्च कर रहा है।

राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर में आज मकर संक्रांति के पावन पर्व पर बडी संख्या में श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। कड़ाके की ठंड और चटक धूप के बीच श्रद्धालु पवित्र पुष्कर सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर धार्मिक स्नान किया। सरोवर के घाटों पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरू हो गया और उनकी आस्था ठंड एवं शीतलहर पर भारी दिखाई दी। श्रद्धालुओं ने तीर्थ पुरोहितों की मदद से सरोवर की विधिवत पूजा अर्चना की और आस्था की डुबकी लगाकर पुण्य कमाया। धार्मिक स्नान के बाद श्रद्धालु ब्रह्मा जी के मंदिर पहुंचकर उनके दर्शन के साथ अपने परिवार में समृद्धि एवं खुशहाली की कामना कर रहे हैं। ये श्रद्धालु गायों को हरा चारा एवं अन्य दान पुण्य कर मकर संक्रांति को परंपरागत तरीके से मनाई।

पुष्कर में युवा एवं बच्चे सरकार की गाइडलाइन का ध्यान रखते हुए आठ बजे बाद से ही घरों की छतों पर पहुंच गए और पतंगबाजी शुरू कर दी। पुष्कर के आसमान पर सुबह से ही पतंगे उड़ती दिखाई दी जो इस बात का प्रतीक है कि युवाओं की सोच आगे ऊंची उड़ान भरेगी।

इसी तरह अजमेर शहर में भी मकर संक्रांति का पर्व शनिवार और रविवार को परंपरागत तरीके से मनाया जाएगा। सुबह से ही मंदिरों में दर्शनार्थियों की भीड़ देखी गई। लोग जगह जगह चारा खिलाकर गायों को स्पर्श कर रहे हैं तथा गरीबों में दान पुण्य किया।

अजमेर स्थित अजयमेरू प्रेस क्लब की ओर से वैशाली नगर स्थित टर्निंग प्वाइंट स्कूल पर मकर संक्रांति के मौके पर क्लब सदस्यों एवं परिजनों के लिए पतंगबाजी कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

राजस्थान पत्रिका ने भी युवा वैश्य महासभा अजमेर इकाई के सहयोग से पुष्कर रोड स्थित आनासागर लेक फ्रंट चौपाटी पर पतंगोत्सव का आयोजन किया है। शहर के आसमानों पर भी पतंगे दिखाई देने लगी।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मकर संक्रांति के पर्व पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सूर्यदेव की उपासना, उदारता, दान और धर्म परायणता का यह पर्व जीवन में उत्साह और उमंग का संचार बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक पर्व सांस्कृतिक एकता और सद्भाव की मिठास दिलों में घोलता है।

उन्होंने कहा कि पतंगों की तरह अपने लक्ष्यों को भी ऊंचाईयां देने के लिए अथक प्रयास करते रहें। अपने व्यवहार में गुड़ एवं तिल जैसी मिठास और गर्माहट बनाए रखें। असीम प्रेम के प्रतीक पर्व पर प्रदेशवासी जरूरतमंदों की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहने का संकल्प लें।

राजस्थान की राजधानी जयपुर में मकर संक्रांति पर्व पर आज सुबह से ही पतंगबाजी का दौर शुरू हो गया। कोरोना के कारण दो साल बाद खुलकर मना पा रहे इस बार पतंग उत्सव में लोगों में काफी उत्साह नजर आ रहा है और सुबह होते ही बच्चे और युवा अपने घरों की छत्तों पर चढ़ गए तथा पतंग के पैच लड़ाना शुरू कर दिया तथा वो काटा- वो काटा का शोर शुरू हो गया। इस दौरान छतों पर लोग सुबह से फिल्मी गानों के साथ थिरकते हुए पतंगबाजी करते नजर आये।

मौसम साफ रहने से पतंगबाजी के लिए दिन की शुरुआत अच्छी रही और धूप खिलने एवं हल्की हवा होने से सुबह से ही पतंगबाजी का माहौल बन गया। इस बार पतंगे पहले से थोड़ी महंगी रही लेकिन पतंगबाजों पर इसका कोई असर नजर नहीं आ रहा और वे इस पतंग उत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे है इसका लुत्फ उठा रहे है।

इस बार भी पौना, अद्धी और प्रिंटेड पतंगों की मांग ज्यादा रही। सोशल मैसेज से जुड़ी पतंगें, बच्चों की पसंद कार्टून वाली पतंगों की बिक्री भी काफी हुई। इनमें मोटू-पतलू, छोटा भीम, डोरमेन की पतंगें शामिल हैं। चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध होने से इस बार इसकी बिक्री देखने को नहीं मिल रही।

इस मौके जयपुर में जलमहल सहित विभिन्न पर्यटन स्थलों पर देशी- विदेशी पर्यटक भी पतंगबाजी का आनंद उठाते देखे गये।

उत्तर प्रदेश के पौराणिक एवं ऐतिहासिक तीर्थ स्थल चित्रकूट के भरतकूप स्थित कुएं में आज मकर संक्रांति के पावन पर्व पर दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने स्नान करके खिचड़ी आदि का दान किया। आज यहाँ सूर्योदय से पहले ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा हो गई थी। पूरे विश्व में किसी भी कुएं में एक दिन में इतने श्रद्धालुओं का एक साथ स्नान करना भी एक विश्व रिकॉर्ड है। अद्भुत है भरतकूप की विशेषताएं या यूं कहिए की विशेषताओंं से भरा है भरतकूप का यह कुआं।

उल्लेखनीय है कि भरतकूप विश्व का एकमात्र ऐसा कुआं है जहां आज के दिन इतने अधिक श्रद्धालु एकत्र होकर स्नान करके दान आदि करते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार जब भरत जी भगवान राम को वनवास काल के समय वापस लेने के लिए चित्रकूट आए थे तो वह अपने साथ समस्त तीर्थों का जल एक कलश में ले कर के आए थे। उनका सोचना था कि प्रभु श्रीराम का वही पर राज्याभिषेक करके उनको राजा की तरह वापस अयोध्या ले जाएंगे, परंतु जब श्रीराम द्वारा बिना वनवास काल के पूर्ण हुए वापस लौटने से मना कर दिया तब अत्रि मुनि ने उस पवित्र जल को चित्रकूट के पास एक कुएं में मंत्रोच्चारण के साथ डलवा दिया था। रामचरितमानस में भी तुलसीदास जी ने भी इसका उल्लेख किया है।

वह पवित्र जल आज भी इस कुएं में सुरक्षित है। और तब से इस कुएं का नाम भरतकूप पड़ गया। लोक मान्यता के अनुसार इस कुएं का जल कभी खराब नहीं होता। जैसे गंगा जल को लोग अपने घर ले जाते हैं उसी प्रकार इस कुएं के जल को भी लोग भर-भर कर ले जाते हैं और वह कभी खराब नहीं होता। मान्यताओं के अनुसार इस कुएं के समस्त कोनों का जल भी अलग-अलग पाया जाता है या यूं कहिए कि जितनी बार बाल्टी कुएं में जाती है उसमें जल का स्वाद विभिन्न तरह से पाया जाता है।

इसके सत्य को परखने के लिए तत्कालीन जिलाधिकारी जगन्नाथ सिंह द्वारा इस कुएं के चारों कोनों से जल निकलवाकर लैब में टेस्ट भी करवाया गया था जिसमें रिपोर्ट के मुताबिक समस्त कोनों के जल को अलग-अलग जगह का होना बताया गया था। चित्रकूट के संत श्री रामस्वरूपाचार्य जी कहते हैं कि इस कुएं में कभी कभी समुद्र की तरह लहरें भी उठती है। इस कुएं के जल के बारे बहुत सारी मान्यताएं एवं उपयोगिताएं भी हैं जब किसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करनी होती है तब शास्त्रानुसार उस मूर्ति को स्नान कराने के लिए समस्त तीर्थों के जल की आवश्यकता होती है उस समय इस के जल को लोग ले जाते हैं क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस कुएं में समस्त तीर्थों का जल विद्यमान है।

गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अहमदाबाद में पतंग उड़ाकर मकर संक्रांति-उत्तरायण पर्व मनाया। उन्होंने तिल-गजक, मूंगफली की चिक्की आदि का लुत्फ़ उठाकर, पतंग उड़ाते हुए दरियापुर स्थित तलिया की पोल के निवासियों के साथ उत्तरायण पर्व हर्ष उल्लास से मनाया और राज्य के सभी नागरिकों को मकर संक्रांति-उत्तरायण पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समग्र देश में यह त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने उत्तरायण पर्व पर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सभी भाई-बहनों को मकर संक्रांति-उत्तरायण पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कामना व्यक्त की है कि नववर्ष का यह पहला पर्व सभी के जीवन में आनंद और प्रेम लेकर आए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जैसे रंग-बिरंगी पतंगें आसमान में नयी ऊंचाइयों को छूती हैं उसी तरह आपसी स्नेह, सौहार्द और सहानुभूति की भावना नई ऊंचाइयों तक पहुंचेगी।

टीम.संजय अशोक

वार्ता

More News
पहले चरण के चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 60 प्रतिशत से अधिक मतदान

पहले चरण के चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न, 60 प्रतिशत से अधिक मतदान

19 Apr 2024 | 9:31 PM

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (वार्ता) भारत की अट्ठारहवीं लोक सभा के चुनावों के पहले चरण में शुक्रवार को 102 सीटों के लिये हुये मतदान में 60 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया।

see more..
चुनाव के दौरान ‘यात्राओं’ की अनुमति पर तीन दिन के भीतर फैसला लें: सुप्रीम कोर्ट

चुनाव के दौरान ‘यात्राओं’ की अनुमति पर तीन दिन के भीतर फैसला लें: सुप्रीम कोर्ट

19 Apr 2024 | 8:20 PM

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (वार्ता) उच्चतम न्यायालय ने चुनाव के दौरान किसी भी सभा पर रोक लगाने के व्यापक आदेश जारी किये जाने पर शुक्रवार को आश्चर्य व्यक्त किया और सक्षम अधिकारियों को मौजूदा आम चुनावों के दौरान 'यात्राएं' आयोजित करने की अनुमति के लिए किसी भी व्यक्ति की ओर से की गयी याचिका पर तीन दिन के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

see more..
पहले चरण के चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान

पहले चरण के चुनाव में 60 प्रतिशत से अधिक मतदान

19 Apr 2024 | 8:16 PM

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा चुनाव के पहले चरण में कुल 102 निर्वाचन क्षेत्रों के लिये शुक्रवार को 60 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ।

see more..
image