लखनऊ 30 अगस्त (वार्ता) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाल स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यन्त महत्वपूर्ण पोषण अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी स्टेक होल्डर विभाग एवं राज्य जिला और ब्लाॅक स्तर पर समन्वय स्थापित करते हुए इसकी सफलता के लिए सम्मलित प्रयास करें।
श्री योगी ने शुक्रवार को अपने सरकारी आवास पर सितम्बर में चलने वाले राष्ट्रीय पोषण माह के सिलसिले में सभी स्टेक होल्डर्स के साथ बैठक के दौरान वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को भी सम्बोधित किया और अभियान की सफलता के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि जिलाधिकारी सम्बन्धित स्टेक होल्डर विभागों से समन्वय स्थापित करते हुए पोषण अभियान की सफलता सुनिश्चित करें। इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों एवं एएनएम इत्यादि को कुपोषित बच्चों को चिन्हित करते हुए उन्हें पोषण के लिए आवश्यक आयरन तथा विटामिन उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। दवाओं और खान-पान के सम्बन्ध में सही जानकारी लक्षित परिवारों को दें, ताकि कुपोषण की समस्या से निपटा जा सके और बच्चों का समुचित विकास हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि सभी स्टेक होल्डर विभाग हर स्तर पर सही समन्वय स्थापित करते हुए पोषण अभियान को लागू करेंगे, तो इसमें भी वैसी ही सफलता मिलेगी, जैसी कि संचारी रोगों को नियंत्रित करने में मिली। पोषण अभियान की सफलता के लिए कुपोषित बच्चों को आवश्यक पोषण तथा पुष्टाहार उपलब्ध कराने से कुपोषण के साथ-साथ भुखमरी पर भी नियंत्रण किया जा सकेगा। उन्होंने पोषण अभियान को ‘स्कूल चलो अभियान’ से लिंक करने के भी निर्देश किये। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लक्ष्य को हासिल करने के लिए चलायी जा रही विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से भी इसमें सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि कुपोषण को दूर करने में स्वच्छता की बड़ी भूमिका है। इसके लिए स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति पर भी बल दिया।
श्री योगी ने कहा कि कुपोषण से ग्रसित परिवारों की गर्भवती महिलाओं को अनुपूरक पोषण उपलब्ध कराया जाए और पोषक तत्वों को किस प्रकार से आहार के माध्यम से हासिल किया जा सकता है, इस विषय में उन्हें शिक्षित किया जाए। इससे कुपोषण की समस्या पर काफी हद तक नियंत्रण पाया जा सकेगा। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों, एएनएम, आशा, नर्स तथा प्रधानों के सहयोग से कुपोषण के विरुद्ध जन जागरूकता अभियान चलाकर पोषण अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिये।
गौरतलब है कि वर्ष 2018 में लागू किये गये राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत वर्ष 2022 तक कुपोषण मुक्त भारत का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पोषण अभियान चलाया जा रहा है। साथ ही, सुपोषण स्वास्थ्य मेले भी आयोजित किये जा रहे हैं। इसके अलावा, एनीमिया मुक्त भारत पर भी कार्य किया जा रहा है। पोषण मिशन की सफलता के लिए राज्य में 1.73 लाख आंगनबाड़ी कार्यकत्री और इतनी ही सहायिकाएं, लगभग 24,000 एएनएम, 1.50 लाख आशा, 1.50 लाख स्कूल शिक्षक, 57,000 ग्राम प्रधान तथा शासन-प्रशासन के अधिकारी मिलकर प्रयास करेंगे।
प्रदीप
वार्ता