खेलPosted at: Aug 30 2018 6:50PM भारत को सडन डैथ में मात देकर मलेशिया फाइनल में
जकार्ता, 30 अगस्त (वार्ता) भारत का 18वें एशियाई खेलों की पुरुष हॉकी प्रतियोगिता में अपना स्वर्ण पदक बरकरार रखने और टोक्यो ओलंपिक का टिकट पाने का सपना गुरूवार को मलेशिया के हाथों सडन डैथ में दिल तोड़ने वाली हार के साथ टूट गया।
एशियाई खेलों में विश्व रैंकिंग में सर्वाधिक स्थान रखने वाली भारतीय टीम को मलेशियाई टीम ने सडन डैथ में 7-6 से पराजित कर स्वर्ण पदक मुकाबले में प्रवेश कर लिया। निर्धारित समय में मुकाबला 2-2 से बराबर रहने के बाद शूटआउट का सहारा लिया गया जिसमें दोनों टीमें 2-2 से बराबर रहीं। मुकाबला फिर सडन डैथ में खिंच गया जिसमें एसवी सुनील के अपनी पेनल्टी चूकते ही मलेशिया ने जश्न मनाना शुरू कर दिया।
भारतीय टीम ने चार साल पहले इंचियोन में पेनल्टी शूटआउट में गोलकीपर पी आर श्रीजेश के शानदार प्रदर्शन से पाकिस्तान को हराकर स्वर्ण पदक जीता था। लेकिन इस बार श्रीजेश निराश कर गये और शूटआउट तथा सडन डैथ में मलेशिया को नहीं रोक सके। इस हार के बाद भारतीय टीम अब कांस्य पदक के लिये खेलेगी।
भारतीय टीम को निर्धारित समय के 59वें मिनट में गोल खाना अंतत: भारी पड़ गया। भारत के पास तब तक 2-1 की बढ़त थी लेकिन मलेशिया के मोहम्मद रेजी ने पेनल्टी कार्नर पर बराबरी का गोल दाग दिया। शूटआउट में दोनों टीमों ने दो दो निशाने साधे।
सडन डेथ में मुकाबला बराबर चलता रहा और 6-6 का स्कोर हो चुका था। ताजुद्दीन अहमद ने मलेशिया को 7-6 से आगे किया और अब सुनील पर दबाव आ गया। सुनील इस दबाव में टूट गये और भारत के लिये बराबरी का गोल नहीं कर सके। इस हार के साथ ही भारत का फिर स्वर्ण पदक जीतने का सपना टूट गया। हालांकि भारत को अभी महिला हॉकी टीम से उम्मीद है जो शुक्रवार को जापान के खिलाफ अपना फाइनल खेलेगी।
भारतीय टीम ने ग्रुप मैचों में गोलों की बरसात की थी और हांगकांग के खिलाफ 26-0 का अपना रिकार्ड भी बनाया था। लेकिन अहम सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय खिलाड़ियों ने अंतिम क्षणों में गोल खाने की कमजोरी फिर दिखायी और यही कमजोरी उसे ले डूबी।