कोलकाता, 26 सितंबर (वार्ता) पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को पंडित ईश्वर चन्द्र विद्यासागर की 200वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
श्री धनखड़ ने कहा पं. विद्यासागर का शिक्षा, समाज सुधारक और नारी मुक्ति के क्षेत्र में असाधारण योगदान रहा।
पं. विद्यासागर काे हिन्दू शास्त्रों के विवेचन में महारत हासिल थी उन्होंने देश में पश्चिमी शिक्षा के प्रसार की वकालत की और शिक्षण संस्थानों की स्थापना करने और पाठ्यक्रम तैयार करने में स्वयं महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
राजभवन ने बताया कि पं. विद्यासागर ने अंधविश्वास और अत्याचारों से पीड़ित हिन्दू विधवाओं के प्रति अपनी सहानुभूति जतायी और ब्रिटिश शासकों के समक्ष पुनर्विवाह के लिए कानून बनाने की वकालत की तथा एेसा कानून लागू कराने के लिए प्रयासरत रहे और तत्कालीन रुढ़िवादियों से अपमानित हुए और उनकी यातनाएं झेली।
सुश्री बनर्जी ने महान शिक्षाविद, समाज सुधारक और ‘वरणापरिचय’ के निर्माता ईश्वर चन्द्र विद्यासागर को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “महान शिक्षाविद्, समाज सुधारक और ‘वरणापरिचय’ ईश्वर चन्द्र विद्यासागर को उनकी जयंती पर सादर श्रद्धांजलि।”
उन्होंने कहा कि पं. विद्यासागर ने महिलाओं की शिक्षा से लेकर विधवा पुनर्विवाह को मान्यता दिलाने के लिए महती कार्य किये। उन्होंने समाज सुधार के क्षेत्र में अमिट छाप छोड़ी। उन्होंने बताया कि इस महान समाज सुधारक की 200वीं जयंती मनाने के लिए राज्य सरकार विद्यासागर सप्ताह मना रही है।
उप्रेती.श्रवण
वार्ता