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ममता की भवानीपुर में जीत की हैट्रिक, मुख्यमंत्री पद अब पक्का

ममता की भवानीपुर में जीत की हैट्रिक, मुख्यमंत्री पद अब पक्का

कोलकाता 03 अक्टूबर (वार्ता) तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने रविवार को भवानीपुर सीट पर उपचुनाव में विजयी होकर यहां से तीसरी बार जीत की हैट्रिक बनायी और इसी के साथ ही अपना मुख्यमंत्री पद सुरक्षित कर लिया है।

सुश्री बनर्जी ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की प्रियंका टिबरेवाल को 58,832 वोटों से हराया। वोटों के आंकड़ों के लिहाज से इस बार उनकी जीत का अंतर भी सर्वाधिक है।

पांच जनवरी 1955 को जन्मी सुश्री बनर्जी 1970 के दशक के दौरान कांग्रेस में शामिल हुईं और 1984 में जादवपुर संसदीय क्षेत्र से मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सोमनाथ चटर्जी को पराजित कर अपना पहला आम चुनाव जीता था। वर्ष 1989 में इस सीट पर वह माकपा की मालिनी भट्टाचार्य से चुनाव हार गयी। , लेकिन 1991 में नवगठित कलकत्ता दक्षिण संसदीय क्षेत्र के रूप में इस सीट को फिर से अपने कब्जे में लिया। इसके बाद 1996, 1998, 1999, 2004 और 2009 के आम चुनावों में कोलकाता दक्षिण सीट पर अपनी जीत का सफर जारी रखा।

सुश्री बनर्जी से कुछ राजनीतिक विरोधाभाषों के परिप्रेक्ष्य में 1997 में कांग्रेस छोड़ दी और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस की स्थापना की। कुछ ही समय में उनकी पार्टी पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरी। वर्ष 2011 में भवानीपुर उपचुनाव में माकपा की नंदिनी मुखर्जी को 54,213 मतों से हराया और राज्य मुख्यमंत्री चुनी गयी। उन्होंने 2016 में भवानीपुर से कांग्रेस की दीपा दासमुंशी को 25,301 मतों के अंतर से हराकर दूसरी बार जीत हासिल की।

इसी वर्ष मार्च-अप्रैल में हुए विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में एक बार फिर जबरदस्त जीत हासिल की , लेकिन सुश्री बनर्जी नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के शुवेंदु अधिकारी से महज 1736 मतों से हार गईं। उन्होंने गत पांच मई को तीसरी बार मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। एक अनिवार्य प्रक्रिया के तहत उन्हें छह महीने यानी पांच नवंबर के भीतर किसी भी विधानसभा सीट पर जीत हासिल करनी थी और भवानीपुर से निर्वाचित विधायक शोवनदेव चट्टोपाध्याय ने उनके मुख्यमंत्री पद पर बने रहने का मार्ग प्रशस्त करने के लिए यह सीट छोड़ दी।

टंडन, उप्रेती

वार्ता

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