जयपुर, 29 अगस्त (वार्ता) राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि बाडमेर में क्रूड ऑयल उत्पादन से राज्य की तस्वीर एवं तकदीर बदली है।
श्री गहलोत आज बाड़मेर के मंगला प्रोसेसिंग टर्मिनल में मंगला फस्र्ट ऑयल की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में केयर्न ऑयल एंड गैस, वेदांता लिमिटेड की नवीन योजना ‘‘उज्ज्वल‘‘ के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तेल उत्पादन शुरू होने से पिछले एक दशक में बाड़मेर जिले की प्रति व्यक्ति आय 650 फीसदी तक बढ़ गई है। जो राज्य के शेष 32 जिलों में सर्वाधिक है।
उन्होंने कहा कि दस वर्ष में यहां की प्रतिव्यक्ति आय 17 हजार रूपये से बढ़कर एक लाख 28 हजार रूपये हो गई है, जो कि बीते वर्ष के राष्ट्रीय औसत 82 हजार रूपये से डेढ़ गुना अधिक है। इतना ही नहीं राज्य की जीडीपी में बाड़मेर का योगदान जयपुर के बाद सर्वाधिक हो गया है।
श्री गहलोत ने कहा कि बॉम्बे हाई के बाद राज्य का बाड़मेर देश का दूसरा अग्रणी तेल उत्पादक क्षेत्र बन गया है तथा वर्तमान में देश के कुल क्रूड ऑयल का करीब एक चौथाई भाग राजस्थान से निकल रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में रिफाइनरी कम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की नींव रख दी थी। लेकिन गत सरकार के समय इस काम में देरी हुई जिसका नुकसान रोजगार तथा राजस्व के रूप में पूरे प्रदेश को हुआ। अब यहां देश की पहली ऎसी रिफाइनरी लगेगी जहां रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स एक साथ होंगे।
उन्होंने कहा कि हमने इस बार सरकार में आते ही केबिनेट की पहली बैठक में इस महत्वाकांक्षी परियोजना को आगे बढ़ाने का फैसला किया। इस परियोजना के पूरा होने से इस क्षेत्र में और भी खुशहाली आएगी। रिफाइनरी के साथ सहायक उद्योगों के लगने से युवाओं को रोजगार एवं कौशल विकास के अवसर मिलेंगे।
श्री गहलोत ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उज्ज्वल योजना के जरिये केयर्न और वेदान्ता ने अपना सामाजिक उारदायित्व निभाने की कड़ी में एक ओर नई शुरूआत की है। इस योजना से जिले के 60 चयनित स्कूलों में नई डिजिटल शिक्षा व्यवस्था, स्कूलों में आधारभूत विकास के काम किए जाएंगे।
कार्यक्रम में केयर्न ऑयल एण्ड गैस के सीईओ अजय दीक्षित ने कहा कि फिलहाल इस क्षेत्र में देश के तेल उत्पादन का करीब 24 प्रतिशत हिस्सा है, जिसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि उज्ज्वल योजना के जरिये 60 विद्यालयों में 15 हजार बच्चों को बेहतर वातावरण में शिक्षा देने की दिशा में काम किया जाएगा।