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आत्मनिर्भरता का घोषणापत्र है अनुदान मांगें : भाजपा

आत्मनिर्भरता का घोषणापत्र है अनुदान मांगें : भाजपा

नयी दिल्ली 18 सितंबर (वार्ता) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सरकार के दो लाख 35 हजार करोड़ रुपए से अधिक की अनुदान की अनुपूरक मांगों एवं अतिरिक्त मांगों का समर्थन करते हुए आज कहा कि यह कोरोना की वैश्विक आपदा में भारत को आत्मनिर्भर बनाने का शानदार प्रयास है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा लोकसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों तथा अतिरिक्त अनुदानों की मांगों को रखे जाने के बाद सदन में चर्चा शुरू करते हुए भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि देश इस समय गंभीर परिस्थितियों से गुजर रहा है। पूरी दुनिया कोविड के तूफान से गुजर रही है। इस तूफान में देश की नाव एक ऐसे माझी के हाथों में है जो हम सबको सुरक्षा एवं आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आपदा को अवसर में बदला और अब वह देश को बदलने में लगे हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि अनुदान मांगें देश की आत्मनिर्भरता का घोषणापत्र है जिसे प्रधानमंत्री एवं वित्त मंत्री ने बहुत कुशलता से तैयार किया है। उन्होंने कहा कि देश में इस वर्ष 30.42 लाख करोड़ रुपए व्यय होने हैं। इसमें 2.35 करोड़ रुपए की अनुपूरक मांगाें तथा 1.66 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति मांगी गयी है। इतिहास में इतनी विशाल राशि की अनुपूरक मांगों एवं अतिरिक्त व्यय को बीच सत्र में कभी नहीं लाया गया।

भाजपा नेता ने कहा कि दो लाख 35 हजार करोड़ रुपए से देश का नक्शा ही बदल जाएगा। इसका 28 प्रतिशत भाग यानी करीब 63 हजार करोड़ रुपए स्वास्थ्य के लिए आवंटित किया गया जिसमें स्वास्थ्य ढांचा उन्नत बनाया जाएगा। कोविड के उपचार के प्रबंध किये जा रहे हैं। देश में कोविड से मुकाबले के लिए मास्क एवं पीपीई किट के मामले में छह माह में ही भारत निर्यातक बन गया। 70 दिन में 50 हजार वेंटीलेटर तैयार किये गये हैं।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद छह हजार करोड़ रुपए का अनाज बांटा गया। 10 हजार करोड़ रुपए खाद्य सुरक्षा के लिए, 4860 करोड़ रुपए गरीब कल्याण के लिए, 13 हजार करोड़ रुपए उज्ज्वला एवं उजाला योजना में दिया गया है। ग्रामीण क्षेत्र में हर परिवार को 10 से 12 हजार रुपए मिले हैं। सूक्ष्म लघु मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को तीन लाख करोड़ रुपए का क्रेडिट दिया गया है। इसके सुरक्षा के लिए 4000 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। ठेले वालों के लिए 288 करोड़ रुपए तथा मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रुपए बजट में 60 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त दिये गये हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि वित्तीय व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए आवंटन किया गया है। ब्याजदरें दस साल में सबसे कम स्तर पर आयीं हैं। ऋण बाजार में पर्याप्त तरलता है। कोविड पश्चात अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ती दिख रही है जो कोविड पूर्व से कहीं अधिक है। रुपए की कीमत बढ़ रही है। विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ा है। विश्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को बहुत विश्वास के साथ देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार के लिए 3184 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। यह दूरदर्शी फैसले हैं जो भारत को आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रहे हैं।

सचिन अभिनव

जारी वार्ता

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