नयी दिल्ली, 26 मार्च (वार्ता) पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असम के मतदाताओं से भाषा तथा संस्कृति के आधार पर समाज को बांटने वाले लोगों से सचेत रहने और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को वोट देने की अपील करते हुए कहा है कि यदि उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो राज्य के 30 लाख युवाओं को रोजगार दिया जाएगा।
डॉ सिंह ने शुक्रवार को यहां जारी एक वीडियो संदेश में असम के लोगों का आभार जताया और कहा कि उनके कारण ही वह करीब तीन दशक तक राज्य सभा में उनके प्रतिनिधि रहे हैं, इसलिए राज्य के लोगों के प्रति विशेष लगाव होने के कारण वह प्रदेश की जनता से आग्रह करते हैं कि वे विधानसभा चुनाव में विभाजक ताकतों से दूर रहें और समावेशी विकास के लिए कांग्रेस को वोट दें।
उन्होंने कहा, “ वर्ष 1991 से 2019 तक असम मेरा दूसरा घर रहा है और मेरा सौभाग्य था कि मैंने 28 वर्षाें तक राज्य सभा में असम का प्रतिनिधित्व किया। असम के कारण ही पांच साल देश का वित्त मंत्री और 10 साल तक प्रधानमंत्री रहा हूं। मैं असम के लोगों के स्नेह और समर्थन के लिए उनका आभारी हूं। आपको बताना मेरा दायित्व है कि आज समय आ गया है कि इस विधानसभा चुनाव में लोग सोच समझ कर मतदान करें। ”
पूर्व प्रधानमंत्री ने भारतीय जनता पार्टी का नाम लिए बिना उस पर निशाना साधा और कहा कि यह पार्टी समाज को बांटने का काम करती है। जिस असम ने लंबे समय तक उग्रवाद और अशांति को झेला है, वहां कांग्रेस नेता तरुण गोगोई की सरकार की नीतियों से शांति आयी और विकास की दिशा मिली है। अब स्थिति बदल गयी है और वहां समाज को धर्म, भाषा और संस्कृति के आधार पर बांटने का काम हो रहा है और राज्य के लोगों को उनके बुनियादी अधिकारों से वंचित किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि असम में अगर कांग्रेस की सरकार बनती है तो पांच लाख युवाओं को सार्वजनिक उपक्रमों और 25 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने चाय बागान में काम करने वाले लोगों का पारिश्रमिक बढाकर 365 रुपए दैनिक करने और प्रत्येक घर को दो सौ यूनिट बिजली मुफ्त देने का भी वादा किया।
डॉ सिंह ने असम के लोगों का ऐसी सरकार बनाने का आह्वान किया जो संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों को बरकरार रखे, हर नागरिक की परवाह करे और समावेशी विकास करे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस असम में कांग्रेस उसकी भाषा, इतिहास और संस्कृति की रक्षा करने और विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
अभिनव.श्रवण
वार्ता