मुम्बई 02 फरवरी (वार्ता) महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई शहर में प्रदूषण को नियंत्रित करने और स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए मधुमेह और उच्च रक्तचाप वाले नागरिकों की डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग, नगरपालिका स्कूलों में कौशल विकास केंद्र शुरू करने, पारदर्शिता जैसे कदमों को शामिल करने का सुझाव दिया है।
मुख्यमंत्री ने गुरूवार को यहां मुम्बई नगर आयुक्त आई एस चहल को यहां इस संबंध में यह दिशानिर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने बीएमसी प्रमुख को बताया कि मुम्बई नगर निगम का इस साल का बजट तैयार करते हुए मुम्बई में हवा की गुणवत्ता में सुधार के लिए दिल्ली, गुडगांव और लखनऊ जैसे महानगरों की तरह हवा शुद्धिकरण टावर लगाये जाने चाहिए साथ ही शहरी वानिकी को बढावा देने के उपाय किये जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने मुम्बईवासियों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष उपाय किये जाने के सुझाव दिया।मुंबई के लगभग 27 प्रतिशत नागरिक मधुमेह और उच्च रक्तचाप के विकारों से पीड़ित हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि वे घर-घर जाकर नगर स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से अपना डाटा तैयार करें। वहीं, मुंबई में नगर निगम के अस्पतालों के आउट पेशेंट विभाग में काफी भीड़ है इसलिए तनाव को कम करने के लिए बाहरी उपकरणों की मदद लेकर ही खिड़कियों की संख्या बढ़ानी चाहिए।
श्री शिंदे ने आयुक्तों को हर नगरपालिका स्कूल में नौवीं और दसवीं कक्षा के छात्रों के लिए कौशल विकास केंद्र शुरू करने और मुंबई पब्लिक स्कूलों की मांग को देखते हुए उनकी संख्या बढ़ाने का भी निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मुंबई नगरपालिका प्रशासन को यह सुनिश्चित करने के प्रयास करने चाहिए कि नागरिक सुशासन का अनुभव करें। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर देने के लिए कहा कि प्रशासन द्वारा सुशासन इस तरह से होना चाहिए कि नागरिकों को सभी सुविधाएं आसानी से मिल सकें साथ ही नगर निगम द्वारा आवश्यक परमिट और लाइसेंस जैसे बिल्डिंग लाइसेंस, संपत्ति कर, नवीनीकरण दुकान का रजिस्ट्रेशन लाइसेंस ऑनलाइन दिये जाएं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुंबई महानगर के सौंदर्यीकरण के साथ-साथ मुंबई नगर निगम के माध्यम से बजट में प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि महिला स्वयं सहायता समूह संचार, बुनियादी ढांचे, भीड़ और यातायात नियंत्रण के मामले में आम मुंबईकरों को राहत प्रदान कर सकें।
सोनिया अशोक
वार्ता