राज्य » अन्य राज्यPosted at: May 22 2023 7:45PM मेधा पाटकर ने ‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ का समर्थन दिया
चमोली 22 मई (वार्ता) उत्तराखंड में भू-धसांव से प्रभावित जोशीमठ के आपदा प्रभावितों के दर्द में शामिल होने के लिए पर्यावरण संरक्षण की अग्रणी नेता मेधा पाटकर सोमवार को यहां पहुंची और ‘जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति’ के आन्दोलन को समर्थन किया।
सुश्री पाटकर ने संघर्ष समिति के धरना स्थल पर पहुंच कर कहा वे आपदा प्रभावित जोशीमठ के लोगों दर्द को समझतीं हैं। कहां जोशीमठ आपदा प्रभावितों के स्थाई और जनाकांक्षाओं के अनुरूप नीति सरकार को बनाना होगा। लोगों को अधर में नहीं छोड़ा जा सकता। धरना स्थल पर जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती समेत आन्दोलन से जुड़े अन्य लोग भी मौजूद थे।
जनांदोलनों से जुड़ीं सुश्री पाटकर ने धरना स्थल पर जुटे आपदा प्रभावितों जिनमें महिलाओं की बड़ी संख्या थीं। उन्हें सम्बोधित करते हुए सुश्री पाटकर ने कहा यह क्षेत्र सीमांत क्षेत्र है। सीमांत क्षेत्र , गांवों के लोग सीमा के प्रहरी भी हैं। सरकार को इनके मनोबल बनाये रखने के लिए आगे आना होगा।
सुश्री पाटकर ने कहा बड़े बांध और संवेदनशील हिमालय में बड़ी विद्युत परियोजनाएं हिमालय के हित में नहीं हैं। उन्होंने महिलाओं को रचनात्मक संघर्ष की शक्ति बताया। वनों को बचाने के प्रसिद्ध आन्दोलन चिपको आंदोलन में महिलाओं के योगदान की चर्चा भी मेधा पाटकर ने की। वनीकरण और पर्यावरण संरक्षण पर बोलते हुए मेधा पाटकर ने कहा प्रकृति को हरा भरा रखेंगे जायेंगे। कहा आक्सीजन , वन की महत्ता हमने कोरोना के वक्त समझी । जब लोग आक्सीजन के लिए परेशान हो गये थे। मेधा पाटकर ने दिल्ली में महिला पहलवानों के आन्दोलन का साथ देने की बात कही ।
सुश्री पाटकर के जोशीमठ पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने ‘मेधा पाटकर वापस जाओ ! जोशीमठ का विकास मत रोको’ के नारे लगा कर उनका विरोध किया। तहसील परिसर में जहां जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति का धरना आयोजित हो रहा है । उसके ही कुछ निकट भाजपा कार्यकर्ताओं ने पूर्व पालिकाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती के नेतृत्व में नारे बाजी की।
सं. उप्रेती
वार्ता