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स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में मीडिया का अहम योगदान: डॉ़ अनिल कुमार

स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में मीडिया का अहम योगदान: डॉ़ अनिल कुमार

झांसी 30 सितम्बर (वार्ता) उत्तर प्रदेश में झांसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ़ अनिल कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने में मीडिया के महत्व को रेखांकित करते हुए विभाग के साथ सामंजस्य बनाकर मीडिया से सहयोग की अपील की।

स्वास्थ्य संचार सुदृढ़ीकरण के लिए जिला स्वास्थ्य समिति के तत्वावधान में सेंटर फॉर एडवोकेसी एण्ड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से गुरुवार को यहां एक स्थानीय होटल में मीडिया कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें मीडियाकर्मियों के साथ सीएमओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों ने संवाद किया, उन्हें विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया और विभाग के काम को बेहतर करने के लिए उनके सुझाव लिये।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सीएमओ ने कहा कि यूं तो मीडियाकर्मियों से काफी संवाद होता रहता है लेकिन आज इस कार्यशाला का आयोजन इसलिए किया गया है कि किसी तरह की संवादहीनता नहीं रहे या किसी बात को लेकर दोनों पक्षों के बीच कोई मतभेद हो तो उसे भी यहां परस्पर संवाद के जरिए दूर किया जा सके। मीडिया ने कोरोना काल में वैक्सीन को लेकर लोगों में फैली भ्रांतियों को दूर करने में काफी सकारात्मक भूमिका निभायी और इसी का नतीजा है कि आज कोरोना का संक्रमण कम हुआ है। इसके साथ ही टीकाकरण में भी हम प्रदेश में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। अब जनपद में डेंगू के मामलों के काफी इजाफा हो रहा है। विभाग अपनी ओर से वैक्सीनेशन के चलते वृहद अभियान में स्वास्थ्यकर्मियों की व्यस्तता के बावजूद पूरी ताकत से संचारी रोगों के राेकथाम में लगा है।

इसके लिए टीमें गठित कर लगातार काम किया जा रहा है नगर निगम के साथ फाॅगिंग को लेकर सामंजस्य बनाया गया है। घरों में पानी एकत्र न हो पायें इसकी जांच के लिए हमारी टीमें लगातार क्षेत्र में घूम रहीं हैं और लार्वा पाये जाने पर दवाई का छिड़काव के साथ संबंधित लोगों को नोटिस भी जारी कर रहीं हैं। प्रतिदिन इस काम की मॉनीटरिंग हो रही है और पूरी मुस्तैदी से काम किया जा रहा है। अगर जरूरी होता है तो वह स्वंय भी मौके पर जाते हैं और निरीक्षण करते हैं उन्होंने इस संबंध में आमरी गांव का जिक्र किया जहां डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ने पर उन्होंने स्वयं वहां के चिकित्साकर्मियों के साथ मिलकर स्थिति पर नियंत्रण किया।

डॉ़ कुमार ने बताया कि विभाग की इन तैयारियों का ही नतीजा है कि डेंगू के मरीज तो तेजी से बढ़े लेकिन स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और अभी तक डेंगू से एक ही व्यक्ति की मौत हुई है जबकि दूसरे जिलों में स्थिति काफी गंभीर है। उन्होंने बताया कि बारिश में कई तरह के मौसमी बुखार लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं लेकिन जैसे जैसे बरसात कम होगी और सर्दी बढेगी 15 अक्टूबर तक इसमें काफी कमी आयेगी और लोगों को राहत मिलेगी। संचारी रोगों विशेषकर डेंगू और मलेरिया को लेकर विभाग पूरी गंभीरता से काम कर रहा है। प्रतिदिन विभिन्न संचारी रोगों के अधिकारियों से मिलकर बात की जाती है आज किये गये काम की जानकारी ली जाती है और अगले दिन किये जाने वाले काम की योजना बनायी जाती है,अंतरविभागीय समन्वय से इन बीमारियों को खत्म करने के लिए काम किया जा रहा है। इस बारे में जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज से भी पूरा सहयोग मिल रहा है दोनों जगहों पर बेड आरक्षित कर दिये गये हैं मेडिकल कॉलेज में भी मरीज हैं लेकिन अधिकतर मरीज स्वास्थ्य लाभ लेकर चले गये हैं।

उन्होंने कहा कि मीडिया के साथ मिलकर जनहित में और बेहतर से बेहतर काम करने के लिए हमें आपके सहयोग की आवश्यकता है । जनपद मे भविष्य में स्वास्थ्य विभाग कीे सभी योेजनाओं की जानकारी आपको मुहैया करायी जाती रहेगी और अगर आप किसी समस्या या जानकारी को लेकर हमसे मिलते हैं तो आपका पूरा सहयोग किया जायेगा

कार्यशाला में डॉ. विनोद कुमार यादव - संयुक्त निदेशक स्वास्थ्य ने कहा कि सरकार द्वारा स्वास्थ्य संबंधी तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं, उन्हें जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है। हम सभी को चाहिए कि आपसी सामंजस्य बनाकर काम किया जाए, जिससे कि योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाया जा सके।

एसीएमओ डॉ. एन के जैन ने प्रजनन, महिला, नवजात, बाल स्वास्थ्य आदि के विषय में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जननी सुरक्षा कार्यक्रम की वजह से संस्थागत प्रसव के मामले बढ़े हैं। शहरी इलाके में 1000 रूपये और ग्रामीण इलाके की गर्भवती को संस्थागत प्रसव कराने पर 1400 रुपए की धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती है। उन्होंने बताया कि अप्रैल से लेकर अब तक जिले में 13657 संस्थागत प्रसव हो चुके हैं । बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जिला महिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एसएनसीयू वार्ड हैं, जहां नवजात बच्चों का नि:शुल्क उपचार किया जाता है। कुपोषण के निवारण को लेकर मेडिकल कॉलेज में पोषण पुनर्वास केंद्र (एनआरसी) स्थापित है, जहाँ पर कुपोषित बच्चों को 14 दिन तक भर्ती करके उपचार किया जाता है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत एक से 19 साल तक के बालक-बालिकाओं का आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूलों में स्क्रीनिंग की जाती है। जन्मजात विकारों से ग्रसित बालकों का नि:शुल्क उपचार की व्यवस्था है।

नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के बारे में जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ.रविशंकर ने अपील की कि कोरोना के चलते टीकों से वंचित बच्चों को टीका लगवाने के प्रति लोगों को जागरूक करने में मीडिया अहम् भूमिका निभाए।

इस अवसर पर वरिष्ठ परामर्शदाता डॉ. आर के सचान ने मच्छर जनित रोगों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जनवरी वर्ष 2021 से डेंगू संभावित 1573 के लोगों के सैंपल लिए गए हैं, जिसमें 209 में डेंगू की पुष्टि हुई। 23104 ब्लड सैंपल में 12 में मलेरिया की पुष्टि हुई। चार मरीज स्क्रब टाइफस और सात मरीज लेप्टोस्पाइरोसिस के मिले। जनपद में 315078 घरों का निरीक्षण किया गया, जिसमें 1555 पात्रों में मच्छर के लार्वा पाये गये जिसको खाली कराया गया। 1028 व्यक्तियों को महामारी अधिनियम धारा 188 के तहत नोटिस भी दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर सर्वे कर रही हैं।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. वेदप्रकाश, उप जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ.महेंद्र कुमार ने भी अपने-अपने कार्यक्रम से संबंधित जानकारी दी। कार्यशाला का संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षाधिकारी डॉ. विजयश्री शुक्ला के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के आखिरी में मीडिया कर्मियों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अपने सुझाव भी दिए।

कार्यशाला में संयुक्त निदेशक डॉ.आरके सोनी, डिप्टी सीएमओ डॉ. रमाकांत, एसीएमओ डॉ.एसके कुलश्रेष्ठ, जिला मलेरिया अधिकारी आरके गुप्ता, डीपीएम ऋषिराज सहित स्वयं सेवी संस्था यूनिसेफ, यूएनडीपी, पीएसआई, आईसीएमआर, डब्लूएचओ आदि के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कार्यशाला में एक सवाल के जवाब में कहा कि डेंगू को लेकर लोगों में व्याप्त भ्रांतियों और भय को दूर करने के लिए जिला अस्पताल में पृथक काउंटर खोला जाएगा, जहां डेंगू मरीजों की काउंसिलिंग की जाएगी और उपचार को लेकर आ रही बाधाओं को दूर कराया जाएगा। उन्होंने मीडिया कर्मियों को आश्वस्त किया कि स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सूचनाएं उन्हें समय पर मिलती रहेंगी।

सोनिया

वार्ता

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