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पुरुषों के पलायन से कृषि में बढ़ी महिलाओं की हिस्सेदारी

पुरुषों के पलायन से कृषि में बढ़ी महिलाओं की हिस्सेदारी

नयी दिल्ली 04 मार्च (वार्ता) सरकार ने कृषि क्षेत्र में महिलाओं को जमीन, तकनीक और पूंजी तक पहुंच देने की जरुरत पर बल देते हुए कहा है कि पुरुषों का गांव से शहर में पलायन होने के कारण खेती किसानी में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ रही है।

एक सर्वेक्षण के मुताबिक महिलाओं की मौजूदगी कृषि क्षेत्र में विभिन्न भूमिकाओं में देखी जा रही है। खेती किसानी, उद्यमी और श्रम में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ी है। वैश्विक स्तर पर देखा गया है कि महिलाओं की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में और स्थानीय जैव एवं कृषि को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका है। ग्रामीण महिलाओं ने अपने स्तर पर विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए प्रबंधन का एकीकृत ढांचा विकसित किया है जिससे रोजमर्रा की जरूरतें पूरी की जाती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार बदलती हुई परिस्थितियों में महिलाओं को जमीन, पानी, पूंजी और प्रौद्योगिकी तक पहुंच देने की जरुरत महसूस की जा रही है। देश की मौजूदा स्थिति को देखते हुए ग्रामीण महिलाओं को कृषि के लिए प्रशिक्षण दिए जाने की आवश्यकता है। महिलाओं को भूमि संबंधी अधिकार दिए जाने के बाद कृषि उत्पादकता में सुधार हुआ है। महिला किसानों को अधिकार दिलाने को लेकर सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनसे उनको मुख्यधारा की कृषि में लाना संभव बनाया जा सकता है।

सरकार ने कृषि संबंधी सभी योजनाओं, कार्यक्रमों और विकास संबंधित गतिविधियों के आवंटन में महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया है। लाभदायक कार्यक्रमों, योजनाओं तथा महिला केंद्रित गतिविधियों पर जोर देने की शुरूआत की गयी है। क्षमता विकास गतिविधियों और छोटी बचत के जरिए महिला स्वयं सहायता समूह पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।

इसके अलावा विभिन्न निर्णय लेने वाले निकायों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए उन्हें तमाम तरीके की सूचनाएं मुहैया कराने के इंतजाम किए गए हैं। कृषि में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को मान्यता देते हुए सरकार ने प्रत्येक वर्ष 15 अक्टूबर को महिला किसान दिवस घोषित किया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए कृषि उत्पादन, फसल पूर्व, कटाई, प्रसंस्करण, पैकेजिंग, विपणन के सभी स्तरों पर महिलाओं की विशिष्ट भागीदारी जरूरी है।

वार्ता

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