नयी दिल्ली, 11 जून (वार्ता) श्रीलंका के पूर्व दिग्गज ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीथरन का कहना है कि क्रिकेट ही नहीं बल्कि किसी भी खेल के लिए मानसिक मजबूती काफी जरुरी है।
मुरलीथरन ने पूर्व क्रिकेटर रसेल आर्नोल्ड और पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज लक्ष्मीपति बालाजी के साथ एमफोर के माइंड मास्टर्स शो में शिरकत की। मुरलीथरन ने स्टार स्पोटर्स 1 के तमिल शो में कहा, “किसी भी खेल में 90 फीसदी काम मानसिक तौर पर फिट रहने पर ही किया जाता है। मानसिक तौर पर फिट होने पर ही आप कोई खेल खेल सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “जब आप युवा अवस्था में होते हैं तो आप इस बारे में ज्यादा ध्यान नहीं देते क्योंकि खेल के प्रति आपका लगाव ज्यादा होता है। बिना बोले ही आप इस बारे में सोचते हैं कि आपको क्या करना है और क्या नहीं करना है। लेकिन जब आप प्रोफेशनल स्तर पर जाते हो दबाव के कारण यह पूरी तरह मानसिक खेल बन जाता है।”
टेस्ट क्रिकेट में 800 विकेट लेने वाले मुरलीथरन ने कहा, “कई क्रिकेटर ऐसे हैं जिनकी तकनीक काफी अच्छी है लेकिन वे दबाव नहीं झेल पाते हैं और जल्द ही टूट जाते हैं। इसलिए क्रिकेट ही नहीं बल्कि किसी भी खेल में मानसिक पहलू बहुत जरुरी है।”
मुरलीथरन ने कहा, “प्रोफेशनल स्पोटर्स में मानसिकता बहुत जरुरी है। जब कोई व्यक्ति कठिन ट्रेनिंग करता है तो मजबूत मानसिकता पर काम करना मुश्किल हो जाता है। हो सकता है कि खिलाड़ी इसमें असफल रहे। कोई बल्लेबाज शॉट नहीं खेल सके या गेंदबाज वैसी गेंदबाजी नहीं कर सके जैसा वह करता है लेकिन अगर आप इसे नजरअंदाज कर लगातार ट्रेनिंग कर रहे हैं और आपको अपने ऊपर भरोसा है तो आपको जरुर सफलता हासिल होगी।”
उन्होंने कहा, “मैं युवा अवस्था में भी लेग स्पिन करता था तो मैंने सोचा कि अगर मैं टेस्ट के लिए जाऊं और अपने एक्शन का टेस्ट दूं और यह काम नहीं करे तो मैं लेग स्पिनर बन जाऊंगा। जब आप क्रिकेट या कोई अन्य खेल खेलते हो तो आप प्लान ए और प्लान बी रखते हैं। आप कभी भी एक प्लान पर काम नहीं कर सकते। अगर आप जीवन में या खेल में कभी असफल रहे तो आपको इस बारे में सोचना होगा और इसे सकारात्मक होकर देखना होगा।”
शोभित राज
वार्ता