मनोरंजन » हॉलीवुडPosted at: Aug 28 2018 2:21PM पॉप गायिकी को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी माइकल जैक्सन ने
..जन्मदिवस 29 अगस्त के अवसर पर ..
मुंबई 28 अगस्त(वार्ता)किंग ऑफ पॉप माइकल जैक्सन को ऐसी शख्सियत के तौर पर याद किया जाता है जिन्होंने पॉप संगीत की दुनिया को पूरी तरह बदलकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनायी है।
माइकल जैक्सन ऐसे पहले कलाकार थे जिसे दुनिया के हर कोने के वे लोग भी जानते है जिसने न कभी पॉप संगीत सुना और न ही कभी उन्हें देखा।। माइकल जैक्सन का जन्म 29 अगस्त 1958 को अमेरिका में इंडियाना प्रांत के छोटे से शहर गैरी में हुआ था। माइकल को बचपन से संगीत में रूचि थी अौर 1964 में माइकल जैक्सन अपने भाइयों के साथ दि जैक्सन-5 ग्रुप में शमिल हो गए थे तथा 1971 में माइकल जैक्सन ने गायिकी से शुरूआत की।
अस्सी के दशक में माइकल जैक्सन ने संगीत के जगत में अपनी अलग पहचान बना ली। हालांकि इस दौर में जैक्सन को नस्लवाद की तीखी टिप्पणियां भी सहनी पड़ी। माइकल जैक्सन की अलबम बीट इट.बिली जीन और थ्रिलर ने नस्लवाद की सारी बाधाओं को तोड़ दिया और उन्हें कामयाबी दिलायी। माइकल जैक्सन की थ्रिलर उस दौर की ऑलटाइम बेस्ट सेलिंग एलबम बनी। उसके बाद ऑफ दि वॉल बैड.डेंजरस और हिस्ट्री ने उन्हें किंग ऑफ पॉप बना दिया। माइकल जैक्सन को उनके करियर के दौरान मान-सम्मान भी खूब मिला। माइकल जैक्शन कई गिनीज अवार्ड .ग्रैमी अवार्ड.अमेरिकन म्यूजिक अवार्ड.ग्रैमी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड और ग्रैमी लीजेंड अवार्ड समेत कईं पुरस्कारों से सम्मानित किये गये।
माइकल जैक्शन को उनके करियर के दौरान आरोपों का भी सामना करना पड़ा और नब्बे के दशक में माइकल पर बाल यौनशोषण के आरोप लगे। कहा जाता है कि नशीली गोलियों के अत्यधिक सेवन के चलते माइकल जैक्सन को दिल का दौरा पड़ा और 25 जून 2009 को उनकी मौत हो गयी। माइकल जैक्सन की मौत के बाद वर्ष 2009 में जैक्सन के एलबम बेस्ट सेलिंग बने।अमेरिका में ही 82 लाख और दुनियाभर में 3.5 करोड़ एलबम बिके। एक सप्ताह में ही उनके 26 लाख से ज्यादा गीत डाउलोड हुए जो इतिहास में सबसे ज्यादा है।
माइकल जैक्सन गरीबी से परिचित थे और अभाव में किस तरह बड़े हुए इसका उन्हें गहरा अहसास था। इसके चलते उन्होंने चैरिटी के लिए दुनियाभर में कन्सर्ट भी किए। गिनीज संस्था ने 39 चैरिटी को सहयोग करने के लिए उन्हें सम्मानित किया। माइकल जैक्सन के पहले ऐसा कोई कलाकार नहीं था जिसने सहायता के लिए इतने कार्यक्रम किए।
प्रेम जितेन्द्र
वार्ता