Thursday, Apr 25 2024 | Time 13:31 Hrs(IST)
image
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी


अनुसंधान पर खर्च बढ़ायेगा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय

नयी दिल्ली 07 अगस्त (वार्ता) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने निकट भविष्य के लिए अनुसंधान एवं विकास की विस्तृत योजना बनाई है जिससे मौसम की भविष्यवाणी और सटीक होगी तथा समुद्र में प्राकृतिक संपदा की खोज को बल मिलेगा। इसके तहत वह सामुद्रिक अनुसंधान पर फोकस करेगा, नये उपग्रह छोड़ेगा तथा 400 वैज्ञानिकों की भर्ती करेगा। मंत्रालय के सचिव माधवन नायर राजीवन ने ‘यूनीवार्ता’ के साथ साक्षात्कार में बताया कि मंत्रालय की ध्रुवों पर जाने वाले जहाज समेत चार जहाज खरीदने की योजना है जिस पर तकरीबन 4,000 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। इसके अलावा अगले सात साल में 400 वैज्ञानिकों की भर्ती की सरकार से मंजूरी मिल गई है। इससे अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) गतिविधियों को और गति दी जा सकेगी। इसरो इस महीने के अंत में या सितंबर के आरंभ में इनसैट 3डीआर का भी प्रक्षेपण करने वाला है जो मौसम संबंधी जानकारी देने की भारतीय मौसम विभाग की क्षमता और बेहतर बनायेगा। श्री राजीवन ने कहा कि अभी ध्रुवीय क्षेत्रों में सामुद्रिक अनुसंधान के लिए विशेष प्रकार के जहाज की जरूरत होती है जो हिमखंडों को भेद कर रास्ता बना सकें। अभी हम ये जहाज किराये पर लेकर काम चला रहे हैं जो काफी महँगा है। इसका एक दिन का किराया दो लाख डॉलर (लगभग एक करोड़ 35 लाख रुपये) आता है। उन्होंने कहा “हम इसे खरीदने वाले हैं। प्रारंभिक लागत अनुमान करीब 1,050 करोड़ रुपये का है। यह हमारे (मंत्रालय के) पूरे साल भर के बजट से भी ज्यादा है। हम वित्त मंत्रालय से बात कर रहे हैं। इसके लिए मंत्रिमंडलीय समिति से मंजूरी मिल चुकी है।” अजीत आशा जारी (वार्ता)

There is no row at position 0.
image