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विचारों के मतभेद की पृष्ठभूमि में उपजी है मॉब लिंचिंग : डॉ. जितेन्द्र

विचारों के मतभेद की पृष्ठभूमि में उपजी  है मॉब लिंचिंग : डॉ. जितेन्द्र

दरभंगा, 13 अक्टूबर (वार्ता) वरिष्ठ राजनीतिक एवं सामाजिक चिंतक डॉ. जितेन्द्र नारायण ने ‘मॉब लिंचिंग’की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जाहिर करते हुए आज कहा कि राजनीतिक विरोधियों को ठिकाने लगाने रंगभेद एवं विचारों के मतभेद की पृष्ठभूमि में उपजी मॉब लिंचिंग के इस पौधे को हिन्दुस्तान में रोपित करने की कुछ लोगों की मंशा कभी सफल नहीं हो सकती है।

श्री नारायण ने यहां जाने माने पत्रकार रामगोविन्द प्रसाद गुप्ता की 84वीं जयंती के अवसर पर ‘मॉब लिंचिंग, अफवाहों का बाजार और पत्रकारों की भूमिका’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘मॉब लिंचिंग’शब्द विदेश से आयातित पौधा है। भारत की मूल सभ्यता, संस्कृति और इतिहास के यह विपरीत शब्द है। हिन्दुस्तान को लिंचिस्तान बनाने की हर साजिश का सामना करने का सामर्थ्य हिन्दुस्तान की सभ्यता और संस्कृति और यहां के लोगों के मिजाज में शामिल है।

सामाजिक चिंतक ने कहा कि मनुष्य को जिन्दा रहने का अधिकार प्रकृति ने दिया है और उसे छीनना गुनाह है। यदि राज्य जीवन नहीं बचा सकता तो उसे राज्य होने का अधिकार नहीं है। कानून से उपर हमारे देश में कोई नहीं है और हिन्दुस्तान में यह रवायत नहीं रही है जहाँ मॉब लिंचिंग आश्रय पा सके, पर राजनीतिक संकीर्णता के कारण इस तरह की घटनायें घट रही है जिससे सामाजिक रूप से सजग होने की जरूरत है।

सं. सूरज सतीश

जारी वार्ता

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