नयी दिल्ली 10 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ गत जुलाई में पेरिस में अपनी आखिरी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति पर चर्चा, मूल्यांकन और समीक्षा की।
श्री मोदी ने जी 20 राष्ट्रध्यक्षों की बैठक में भाग लेने आए श्री मैक्रॉन के साथ दोपहर के भोजन पर द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय विकास पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।
इसके बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि गत 13-14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर सम्मानित अतिथि के रूप में श्री मोदी की पेरिस की ऐतिहासिक यात्रा के बाद श्री मैक्रॉन की भारत यात्रा हो रही है, जो भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25 वीं वर्षगांठ है।
बयान में कहा गया है कि भारत-फ्रांस साझेदारी गहरे विश्वास, साझा मूल्यों, संप्रभुता और रणनीतिक स्वायत्तता में विश्वास, संयुक्त राष्ट्र चार्टर में निहित अंतरराष्ट्रीय कानून और सिद्धांतों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता, बहुपक्षवाद में स्थायी विश्वास पर आधारित है।
बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय और वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए अपने सहयोग का विस्तार करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वैश्विक व्यवस्था को नया आकार देने वाले अशांत समय के दौरान 'वसुधैव कुटुंबकम' यानी 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' का संदेश लेकर सामूहिक रूप से अच्छाई की ताकत के रूप में सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
दोनों नेताओं ने सहयोग के लिए नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के कार्यान्वयन पर समग्र प्रगति और अगले कदमों पर चर्चा की। रक्षा, अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे, महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, शिक्षा और लोगों से लोगों के बीच संपर्क बढ़ान। पर भी जोर दिया गया। उन्होंने बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, जैव विविधता, स्थिरता और औद्योगिक परियोजनाओं सहित इंडो पैसिफिक क्षेत्र और अफ्रीका में भारत-फ्रांस साझेदारी पर चर्चा को आगे बढ़ाया।
उन्होंने भारत और फ्रांस द्वारा शुरू किए गए अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन के ढांचे में अपने सहयोग के माध्यम से इंडो-पैसिफिक के लिए समाधान प्रदाताओं की अपनी भूमिका को रेखांकित किया।
श्री मैक्रॉन ने मिशन चंद्रयान 3 की भारत की सफलता पर प्रधान मंत्री को बधाई दी। दोनों नेताओं ने भारत-फ्रांस अंतरिक्ष सहयोग के छह दशकों को याद किया और गत जून में पहली रणनीतिक अंतरिक्ष वार्ता के आयोजन के बाद से प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने मजबूत भारत-फ्रांस नागरिक परमाणु संबंध को स्वीकार किया और जैतापुर परमाणु संयंत्र परियोजना के लिए चर्चा में अच्छी प्रगति और एसएमआर और एएमआर प्रौद्योगिकियों के सह-विकास के वास्ते साझेदारी स्थापित करने के लिए द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत बनाने पर जोर दिया। फ्रांस ने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए अपना दृढ़ और अटूट समर्थन दोहराया।
डिजिटल, विज्ञान, तकनीकी नवाचार, शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य और पर्यावरण सहयोग जैसे क्षेत्रों पर जोर देते हुए, दोनों नेताओं ने इंडो-पैसिफिक के लिए इंडो-फ्रेंच कैंपस के मॉडल पर, इन क्षेत्रों में संस्थागत संबंधों को मजबूत करने का आह्वान किया। इस संदर्भ में, उन्होंने सांस्कृतिक आदान-प्रदान का विस्तार करने और संग्रहालयों के विकास में मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
श्री मोदी ने जी-20 की भारत की अध्यक्षता के लिए फ्रांस के निरंतर समर्थन के लिए राष्ट्रपति को धन्यवाद दिया। भारत और फ्रांस ने जी-20 में अफ्रीकी संघ की सदस्यता का भी स्वागत किया और अफ्रीका की प्रगति, समृद्धि और विकास के लिए उसके साथ काम करने पर विचार किया।
शेखर अशोक
वार्ता