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मोदी का बिम्स्टेक देशों से मिलकर आगे बढ़ने का आह्वान

मोदी का बिम्स्टेक देशों से मिलकर आगे बढ़ने का आह्वान

काठमांडू 30 अगस्त (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दक्षिण एशिया एवं दक्षिण पूर्व एशिया के सात राष्ट्रों के क्षेत्रीय समूह बिम्स्टेक के सदस्य देशों के बीच साझा सभ्यता का हवाला देते हुए उनसे मिलकर आगे बढ़ने का गुरुवार को आह्वान किया और कहा कि दुनिया में कोई भी देश अकेले विकास, शांति और समृद्धि हासिल नहीं कर सकता।

श्री मोदी ने यहां चौथे बिम्स्टेक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपनी आरंभिक टिप्पणी में कहा, “ हमें एक साथ चलना है। हम सभी विकासशील देश हैं और शांति तथा विकास चाहते हैं लेकिन आज की दुनिया में यह अकेले हासिल नहीं किया जा सकता।”

उन्होंने कहा कि संपर्क को व्यापक दायरे में देखा जाना चाहिए - डिजिटल से व्यापार और सड़क तक। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि बिम्स्टेक तटीय नौवहन समझौते और बिम्स्टेक मोटर यान समझौते को अमली जामा पहनाये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत बिम्स्टेक देशों के विकास, शांति और समृद्धि के प्रति वचनबद्ध है। भारत की विदेश नीति के दो महत्वपूर्ण कार्यक्रम ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘नेबरहुड फर्स्ट’ पूरे क्षेत्र के चहुमुखी विकास पर केन्द्रीत हैं।

श्री मोदी ने बिम्स्टेक को मजबूत क्षेत्रीय समूह बनाने के लिए कई सुझाव देते हुए कहा कि इस दिशा में ‘भारत बिम्स्टेक स्टाई अप सम्मिट ’आयोजित करने को तैयार है। नालंदा विश्वविद्यालय में बिम्स्टेक देशों के छात्रों के लिए 30 छात्रवृतियों की घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि भारत विभिन्न विषयों में अल्पावधिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रम शुरू करने पर भी काम करेगा।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत 2020 में अंतरराष्ट्रीय बौद्ध सम्मेलन का आयोजन करेगा जिसके लिए उन्होंने बिम्स्टेक के सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को आमंत्रित भी किया। उन्होंने दिल्ली में होने वाले ‘मोबिलिटी कंकलेव’ में शामिल होने के लिए भी सभी सदस्य देशों को निमंत्रण दिया।

बिम्स्टेक दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के सात राष्ट्रों का क्षेत्रीय समूह है जिसमें भारत सहित दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) के सदस्य देश बंगलादेश, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, म्यामांर और थाईलैंड भी हैं। आतंकवाद का मुद्दा बिम्स्टेक देशों के बीच बातचीत का बहुत महत्वपूर्ण विषय है। इस समूह को कुछ हलकों में क्षेत्र के अन्य देशों से पाकिस्तान को ‘अलग-थलग’ करने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है।

संजीव.श्रवण

वार्ता

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