भारतPosted at: Nov 6 2019 9:58PM मोदी सरकार को देश की धरोहर से नफरत: कांग्रेस
नयी दिल्ली, 06 नवंबर (वार्ता) कांग्रेस ने सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि इसी मंशा से उसने नेहरू स्मारक पुस्तकालय एवं संग्रहालय सोसाइटी का पुनर्गठन कर कांग्रेस नेताओं को इसमें से हटाने का काम किया है।
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनाटे ने बुधवार को यहां संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा कि पंडित जवाहर लाल नेहरू कांग्रेस के प्रधानमंत्री नहीं थे बल्कि वह बहुत बड़े और विश्व विख्यात नेता थे तथा दुनिया की प्रमुख हस्तियों में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि देश में पहली सरकार है जो पंडित नेहरू जैसे बड़े नेता की विरासत से नफरत कर रही है और इतिहास को दोबारा लिखने का प्रयास करने में जुटी है। उन्होंने कहा कि यह सरकार बदले की राजनीति से काम कर रही है और देश की धरोहर को नुकसान पहुंचा रही है।
इससे पहले सोसाइटी की सदस्यता से हटाये गये कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने कहा है कि इस तरह के प्रतिष्ठित संस्थानों में राजनीति के लिए जगह नहीं होनी चाहिए। उन्हें इस बात का खेद है कि मोदी सरकार ने इस संस्थान से पांच दशकों से जुड़े रहे डॉ कर्ण सिंह जैसे प्रतिष्ठित विद्वान को हटाया है। उन्होंने कहा कि श्री जयराम रमेश भी एक प्रखर विद्वान हैं और उनको इससे नहीं हटाया जाना चाहिए था।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,“ यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार ने सोसाइटी से स्वच्छंद होकर अपनी बात कहने वाले विद्वानों को हटाकर इसका पुनर्गठन किया है। नेहरू की विचारधारा में विश्वास रखने वाले सभी सदस्यों को इससे हटया गया है। इस तरह के तुच्छ प्रयास करके सरकार नेहरू की विरासत को मिटाने में सफल नहीं हो सकती।”
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नेहरू स्मारक पुस्तकालय एवं संग्रहालय सोसाइटी का पुनर्गठन किया है जिसमें कांग्रेस से जुड़ा कोई भी सदस्य शामिल नहीं किया गया है।
अभिनव.श्रवण
वार्ता