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किसान आंदोलन के मामले पर गलत रास्ते पर चल रही है मोदी सरकार-मलिक

किसान आंदोलन के मामले पर गलत रास्ते पर चल रही है मोदी सरकार-मलिक

झुंझुनू,18 अक्टूबर (वार्ता) मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केन्द्र सरकार पर किसानों की मांगों पर सुनवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुये केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा से इस्तीफा लेने की मांग करने के साथ कहा है कि जरूरत पडने पर वह अपना पद छोड सकते है।

रविवार को एक कार्यक्रम में भाग लेने झुंझुनू आये श्री मलिक ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि किसान आंदोलन के मुद्दे पर केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही किसानों की जायज मांगे नहीं मानी गई तो आने वाला समय केंद्र की मोदी सरकार के लिए मुश्किलों भरा होगा तथा केन्द्र में सरकार नहीं बनेगी।

श्री मलिक ने अपने तीखे तेवर दिखाते हुए मोदी सरकार को चुनौति देते हुये कहा कि किसान देश का अन्नदाता है उनकी अनदेखी करके कोई भी सरकार अधिक समय तक शासन नहीं चला सकती है। उन्होंने कहा कि जिस सरकार ने भी किसानों का दमन करना चाहा है उसको पराजय का मुंह देखना पड़ा है। यदि केंद्र की मोदी सरकार भी समय रहते किसानों की सुध नहीं लेगी तो उसका भी अगली बार चुनाव जीतना मुश्किल हो जाएगा।

श्री मलिक ने कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृह मंत्री अमित शाह से मिलकर किसानों की समस्या के समाधान के लिए चर्चा कर चुके हैं लेकिन अभी तक उसका कोई नतीजा नहीं निकला है। एक सवाल के जवाब में श्री मलिक ने कहा कि प्रधानमंत्री के इर्द-गिर्द जो सलाहकार तैनात हैं वह उन तक सही जानकारी नहीं पहुंचा कर उन को गुमराह कर रहे हैं। पिछले 10 माह से देश का किसान सड़कों पर बैठ कर धरना दे रहा है। जबकि सरकार यदि सही मनसे उनकी समस्या को सुलझाने का प्रयास करें तो चुटकी बजाते ही समस्या का समाधान हो सकता है। यदि सरकार किसानों की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दे वह कानून बना दे तो स्वतः ही किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा। मगर केंद्र सरकार के सलाहकार किसी भी स्थिति में ऐसा नहीं होने देंगे।

श्री मलिक ने कहा कि यदि केंद्र सरकार मुझे किसानों से बातचीत करने के लिए मध्यस्थ बनाए तो मैं किसानों का आंदोलन चुटकी बजाते ही समाप्त करवा सकता हूं। किसान आंदोलनकारियों ने मुझे कहा है कि आप जो भी फैसला करोगे वह हमें मंजूर है, मगर सरकार की तरफ से मुझे एक बार भी मध्यस्था के लिए नहीं कहा गया है। उन्होंने कहा कि देश के किसानों की आर्थिक हालत बहुत खराब है। अनाज की पैदावार पर लागत बढ़ गई है जबकि फसल की कीमती उसके अनुपात में नहीं बढ़ पाई है इससे किसानों की कमर टूट गई है।

श्री मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार को लखीमपुर खीरी की घटना के तत्काल बाद ही केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को बर्खास्त किया जाना चाहिए था। उन्होने कहा कि अजय मिश्र जैसे व्यक्ति को केंद्र में गृह राज्य मंत्री जैसे महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया जाना ही गलत था। ऊपर से उन्हें अभी तक पद से भी नहीं हटाया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाला विधानसभा चुनाव में भाजपा को उत्तरप्रदेश में भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। मेरठ संभाग में तो भाजपा के किसी भी नेता को घुसने ही नहीं दिया जा रहा है चुनाव जीतना तो दूर की बात है। किसान आंदोलन का खामियाजा केंद्र व राज्य सरकार को उठाना पड़ेगा।

एक सवाल के जवाब में श्री मलिक ने कहा कि जब वह जम्मू कश्मीर का उपराज्यपाल थे तब वहां कानून व्यवस्था की स्थिति इतनी सुदृढ़ थी कि आंतकवादी श्रीनगर में घुसने की भी नहीं सोच सकते थे। जबकि आज स्थिति बहुत खराब हो रही है। घाटी में आंतकवाद की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है जिसके लिए वहां का स्थानीय प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि सिख कौम एक बहादुर कौम है। सिक्के बिरादरी कि राष्ट्र भक्ति पर अंगुली उठाना सरासर गलत है। सिखों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए सबसे अधिक बलिदान दिया है।

पारीक रामसिंह

वार्ता

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