श्रीनगर, 13 नवंबर(वार्ता) नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज (एनसीपीयूएल) के निदेशक डॉ अकील अहमद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उर्दू भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के लिये हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
डॉ. अकील ने कहा कि वर्तमान सरकार भाषा को आगे बढ़ाने को लेकर तत्पर हैं, उनपर जो आरोप लगाये जा रहे हैं वह निराधार है।
डॉ. अकील ने यूनीवार्ता को साक्षात्कार देते हुये कहा कि सरकार पर उर्दू को खत्म करने के आरोप पूरी तरह गलत और निराधार है।
उन्होंने कहा कि उर्दू भाषा और साहित्य का भविष्य भारत के साथ देश दुनिया में उज्जवल है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार उर्दू भाषा और साहित्य से संबंंधित प्रचार-प्रसार के प्रति काफी गंभीर है, जिसका प्रमाण है कि सरकार ने एनसीपीयूएल के बजट में 150 फीसदी की बढ़ोतरी की है।
निदेशक ने कहा, “उर्दू का भविष्य काफी उज्ज्वल है। हम पिछले पचास वर्षों से सुनते आ रहे हैं कि उर्दू लुप्त हो रही है लेकिन सच्चाई यह है कि इसकी लोकप्रियता प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। भारत में ऐसा कोई राज्य नहीं है, जहां उर्दू भाषा नहीं बोली जाती हो। उर्दू भाषा का भविष्य न केवल भारत में नहीं बल्कि पूरे विश्व में उज्ज्वल है।”
डॉ. अकील ने कहा कि उर्दू भाषा अमेरिका और कनाडा के अलावा रूस, चीन, ब्रिटेन,जर्मनी में भी तेजी से फैल रही है। कई अन्य देशों में भी उर्दू भाषा के प्रेमी बन रहे है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी की तरह उर्दू भी देश दुनिया में बड़े पैमाने पर बोली जाती है।
डॉ. अकील ने बताया कि एनसीपीयूएल प्रत्येक वर्ष उर्दू में दो सौ से तीन सौ किताबें प्रकाशित करवाने के साथ-साथ साहित्य से जुड़े 40 से 50 किताबें प्रकाशित करवाता है।
देव, उप्रेती
वार्ता