मुंबई, 14 जून (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई के राजभवन में नवनिर्मित ‘जल भूषण’ भवन और क्रांतिकारियों की गैलरी ‘क्रांति गाथा’ का उद्घाटन किया।
श्री मोदी पुणे से मुंबई के आईएनएस शिकारा हेलीपोर्ट पर जब उतरे तब महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार और आदित्य ठाकरे ने उनकी अगवानी की।
उद्घाटन के दौरान राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उप मुख्यमंत्री अजीत पवार, लोक निर्माण मंत्री अशोक चव्हाण, बंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता भी उपस्थित थे।
श्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी एक ही मंच पर दिखे।
भारतीय क्रांतिकारियों की गैलरी 2016 में राजभवन के नीचे खोजे गए बंकर में बनाई गई है। यह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के ज्ञात और अज्ञात क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि है।
क्रांतिकारियों की गैलरी इतिहासकार और लेखक डॉक्टर विक्रम संपत के मार्गदर्शन में बनाई गई है और इसे उस वर्ष में समर्पित किया जा रहा है जब भारत आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।
‘क्रांति गाथा’ गैलरी 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1946 में मुंबई में नौसेना विद्रोह तक महाराष्ट्र के कई क्रांतिकारियों को भी याद करती है। इसमें वासुदेव बलवंत फड़के, चाफेकर बंधु, बाल गंगाधर तिलक, वीर सावरकर, बाबाराव सावरकर, क्रांतिगुरु लाहूजी, साल्वे, अनंत लक्ष्मण कान्हेरे, राजगुरु, मैडम भीकाजी कामा प्रमुख रूप से शामिल हैं।
इस बीच नव पुनर्निर्मित ‘जल भूषण’, महाराष्ट्र के राज्यपाल के निवास और कार्यालय का कम से कम 200 वर्षों का इतिहास है।
मुंबई के राज्यपाल माउंटस्टुअर्ट एलफिंस्टन ने 1820 और 1825 के बीच मालाबार हिल पर ‘प्रिटी कॉटेज’ नाम से एक छोटा सा बंगला बनवाया था और अब इस जगह पर ‘जलभूषण’ की संरचना खड़ी है।
इस स्थान पर एक नया भवन बनाने का निर्णय लिया गया क्योंकि पुरानी संरचना को रहने के लिए असुरक्षित पाया गया था। गत 18 अगस्त 2019 को, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नए ‘जलभूषण’ भवन की आधारशिला भी रखी थी।
नई ‘जलभूषण’ में पुरानी वास्तुकला की मुख्य विरासत सुविधाओं को संरक्षित रखा गया है।
श्री मोदी ने कहा कि अगर हम सामाजिक क्रांतियों की बात करें तो जगतगुरू श्री संत तुकाराम महाराज से लेकर बाबा साहब आंबेडकर तक समाज सुधारकों की एक बहुत समृद्ध विरासत है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के संत ज्ञानेश्वर, संत नामदेव, समर्थ रामदास जैसे संतों ने देश को ऊर्जा दी है।
उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति सांभाजी महाराज का जीवन हर भारतीय में राष्ट्रभक्ति की भावना को प्रबल कर देता है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी में अनगिनत लोगों का योगदान शामिल है। स्थानीय स्तर पर हुई अनेकों घटनाओं का सामूहिक प्रभाव राष्ट्रीय था। साधन अलग थे लेकिन संकल्प एक था भारत की संपूर्ण आजादी।
श्री मोदी ने कहा कि मुंबई तो सपनों का शहर है ही, महाराष्ट्र के ऐसे अनेक शहर हैं, जो 21वीं सदी में देश के विकास केन्द्र बनने वाले हैं। इसी सोच के साथ मुंबई के ढांचागत सुविधाओं को आधुनिक बनाया जा रहा है तो साथ ही बाकी शहरों में भी आधुनिक सुविधाएं बढ़ाई जा रही हैं।
त्रिपाठी.संजय
वार्ता