न्यूयॉर्क/नयी दिल्ली, 24 सितंबर (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को न्यूयॉर्क में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की।
गौरतलब है कि श्री मोदी और श्री जेलेंस्की की पिछले एक महीने में यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले श्री मोदी के यूक्रेन दौरे के दौरान दोनों नेता कीव में मिले थे। इस दौरान इस दौरान श्री मोदी ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से यूक्रेन में चल रहे संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में रचनात्मक भूमिका निभाने की भारत की इच्छा को दोहराया। प्रधानमंत्री ने सभी हितधारकों के बीच सहभागिता के भारत के रुख को भी दोहराया, जिसका अर्थ है कि दोनों पक्षों (यूक्रेन और रूस) को शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए बैठकर चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के लिए हरसंभव सहायता देने के लिए तैयार है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोश मीडिया मंच एक्स पर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक के मौके पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की से मुलाकात की। इस दौरान नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। उन्होंने यूक्रेन की स्थिति पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान की तलाश में रचनात्मक भूमिका निभाने की भारत की इच्छा को दोहराया।"
मीडिया में जारी बयान में कहा गया, "प्रधानमंत्री मोदी ने 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में भविष्य के शिखर सम्मेलन के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ द्विपक्षीय बैठक की। दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री की हाल की यूक्रेन दौरे को याद किया और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर सुदृढ़ीकरण पर संतोष व्यक्त किया। यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के तरीके पर भी उनकी चर्चा में प्रमुखता से चर्चा हुई।"
प्रधानमंत्री ने कूटनीति और संवाद के साथ-साथ सभी हितधारकों के बीच सहभागिता के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में भारत के स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक दृष्टिकोण को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत संघर्ष के स्थायी और शांतिपूर्ण समाधान को सुगम बनाने के लिए सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन महीने से भी कम समय में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक है। दोनों नेताओं ने निकट संपर्क में रहने पर सहमति जताई। प्रधानमंत्री ने यूएनजीए के शांति शिखर सम्मेलन में कहा था कि मानवता की सफलता हमारी सामूहिक शक्ति में निहित है, युद्ध के मैदान में नहीं। भारत ने कहा है कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं पाया जा सकता है, और संघर्ष को हल करने के एकमात्र साधन के रूप में बातचीत और कूटनीति के अपने रुख को दोहराया है, जिसमें दोनों पक्ष मामलों पर चर्चा करने के लिए मेज पर बैठते हैं। प्रधानमंत्री मोदी 23 अगस्त को कीव में थे और यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा थी, जिसके दौरान उन्होंने संघर्ष का समाधान खोजने के लिए अपनी व्यक्तिगत क्षमता में किसी भी तरह की मदद की पेशकश की।
श्री मोदी अमेरिका का तीन दिवसीय दौरा समाप्त कर सोमवार को नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक्स पर कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की सफल और महत्वपूर्ण यात्रा के समापन के बाद नयी दिल्ली के लिए रवाना हुए।"
संतोष
वार्ता