भुवनेश्वर, 04 फरवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को संस्कृति, भाषा, उड़िया साहित्य और संगीत के संरक्षण एवं प्रचार-प्रसार में राज्य के छह पद्मश्री पुरस्कार विजेताओं के समृद्ध योगदान की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर हैंडल (एक्स) पर कहा, “कल (शनिवार) ओडिशा की मेरी यात्रा के दौरान मुझे राज्य के कुछ प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कार विजेताओं से मिलने का अवसर मिला, जिन्होंने जमीनी स्तर पर हमारे देश के लिए समृद्ध योगदान दिया है।”
श्री मोदी ने कहा,“श्री हलधर नाग से मिलकर खुशी हुई, जिन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। संबलपुरी और ओडिया साहित्य को संरक्षित और बढ़ावा देने के लिए उनकी अटूट दृढ़ता और गहरा समर्पण बहुत प्रेरणादायक है, साहित्य के प्रति उनका जुनून हमारी भाषाई परंपरा के लिए गर्व की भावना को प्रज्वलित करता है।”
संगीत में अनुकरणीय योगदान के लिए 2017 में पद्मश्री से सम्मानित जीतेंद्र हरिपाल से मुलाकात करने वाले प्रधान मंत्री ने कहा कि रंगबती के उनके गायन की व्यापक रूप से प्रशंसा की जाती है। उन्होंने कहा,“ओडिशा में उनसे मिलकर खुशी हुई।”
श्री मोदी ने कहा, “संबलपुर के बिनोद कुमार पसायत जी एक प्रतिष्ठित गीतकार, नाटककार और कवि हैं। संबलपुरी भाषा में उनका योगदान अमूल्य है। वह सात दशकों तक लेखन करने वाले ओडिशा के एक प्रतिष्ठित साहित्यकार हैं। उन्हें इस वर्ष पद्म श्री से सम्मानित किया गया है।”
उन्होंने आगे ट्वीट किया, “ओडिशा में श्री भागवत प्रधान जी से मिलकर खुशी हुई। पांच दशकों में सबदा नृत्य को संरक्षित करने और लोकप्रिय बनाने के लिए उनका समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक है। उनके जैसे लोगों ने हमें सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाया और यह भी सुनिश्चित किया कि युवा अपनी जड़ों से जुड़े रहें। इस वर्ष पद्म श्री से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दी।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “प्रसिद्ध संबलपुरी लोक गायिका डॉ. कृष्णा पटेल जी से मिलने का सौभाग्य मिला, जिनकी मंत्रमुग्ध कर देने वाली आवाज चार दशकों से अधिक समय से गूंज रही है।” उन्होंने कहा, “हमारी सांस्कृतिक विरासत में उनका योगदान बहुत बड़ा है। भारत सरकार ने उन्हें 2023 में पद्मश्री से सम्मानित किया था।”
श्री मोदी ने ‘एक्स’ पर कहा, “श्री मित्रभानु गौंटिया जी से मिलना एक समृद्ध अनुभव था।” उन्होंने कहा, “नाटककार, कवि, गीतकार और उपन्यासकार के रूप में उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने एक अमिट छाप छोड़ी है, जिससे हमारी सांस्कृतिक छवि समृद्ध हुई है। उन्हें 2020 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।”
सैनी.संजय
वार्ता