श्रीनगर, 23 अक्टूबर (वार्ता) जम्मू-कश्मीर को अराजकता में ढकेलने का केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को कहा कि जून महीने में हुई सर्वदलीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिये गए आश्वासनों को पूरा किया जाना चाहिए।
सुश्री मुफ्ती ने कहा कि केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा उस बैठक में दिये गये आश्वासनों से जोड़ कर होना चाहिए।
उल्लेखनयीय है कि पांच अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त करने के बाद पहली बार श्री शाह प्रदेश के तीन दिवसीय दौरे पर हैं।
पीडीपी नेता ने सिलसिलेवार ट्वीट कर आरोप लगाया कि प्रदेश से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 370 के बाद प्रदेश में समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं और जम्मू-कश्मीर को अराजकता में धकेल दिया गया है।
उन्होंने कहा,“ गृह मंत्री का श्रीनगर से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत करना तथा कुछ चिकित्सा कॉलेजों का शिलान्यास करना कोई नहीं बात नहीं है। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार द्वारा कई चिकित्सा कॉलेजों को मंजूरी दी गयी थी और अब वे संचालित हो रहे हैं। अनुच्छेद 370 समाप्त होने तथा अभियांत्रिकी संकट पैदा होने के कारण प्रदेश में स्थिति अराजक हो गयी है। ”
उन्होंने आरोप लगाया, “ यह संकट केंद्र सरकार द्वारा उत्पन्न किये गए हैं। उन्होंने (केंद्र सरकार) ने बिना परामर्श किये ऐसे कदम उठाए, जिससे समस्याएं उत्पन्न हो गयीं। उचित होगा कि गृह मंत्री का दौरा जून में सर्वदलीय बैठक दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए आश्वासन की पृष्ठ भूमि में हो। ”
उन्होंने कहा, “ लोगों में विश्वास बहाल करने के लिए उचित होगा कि जम्मू-कश्मीर में 2019 के बाद की स्थिति को समाप्त किया जाना चाहिए। यहां के लोगों की रोज होने वाली परेशानियों को समाप्त किया जाना चाहिए। अर्थव्यवस्था विशेष रूप से बागवानी को पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। ”
सुश्री मुफ्ती ने कहा, “ उनके (श्री शाह) के दौरे से पहले 700 लोगों को हिरासत में लिया गया। कई लोगों को कश्मीर से बाहर के जेलों में स्थानांतरित कर दिया गया। इन सभी कदमों से स्थिति और खराब होगी। प्रदेश में 'कलाबाजी' पूरे जोरों पर है, जबकि वास्तविकता में इसे नकारा जाता है। ”
संतोष.श्रवण
वार्ता