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मोदी का पहला निर्णय- देश के रखवालों के बच्चों की छात्रवृति बढायी

मोदी का पहला निर्णय- देश के रखवालों के बच्चों की छात्रवृति बढायी

नयी दिल्ली, 31 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दूसरी बार कार्यभार संभालने के बाद पहला निर्णय देश की रक्षा करने वाले सैन्य तथा सुरक्षाकर्मियों के परिजनों के लिए लिया है जिसमें उनके बच्चों को दी जाने वाली छात्रवृति की राशि में वृद्धि करने के साथ-साथ आतंकवादी और माओवादी हमलों में शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों को भी इसके दायरे में लाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टि्वट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “ हमारी सरकार का पहला निर्णय देश की रक्षा करने वालों को समर्पित है। राष्ट्रीय रक्षा निधि से दी जाने वाली प्रधानमंत्री छात्रवृति योजना में बदलावों को मंजूरी दी गयी है और आतंकवादी तथा माओवादी हमलों में शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों को भी यह छात्रवृति दी जायेगी। ”

इस योजना के तहत सैन्य तथा सुरक्षाकर्मियों के बेटों को दी जाने वाली 2000 रूपये प्रति माह की राशि बढाकर 2500 और बेटियों को दी जाने वाली राशि 2250 रूपये से बढाकर 3000 रूपये प्रति माह की गयी है। आतंकवादी और माओवादी हमलों में शहीद पुलिसकर्मियों के बच्चों को भी अब इसके दायरे में लाया गया है। हर साल 500 पुलिसकर्मियों के बच्चों को यह छात्रवृति दी जायेगी। गृह मंत्रालय इसके लिए नोडल मंत्रालय होगा।

प्रधानमंत्री ने यह कदम देश की रक्षा, सुरक्षा और उसके लिए प्राणों की बाजी लगाने वालों के कल्याण को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए स्वैच्छिक रूप से दान दी जाने वाली राशि के प्रबंधन के लिए 1962 में राष्ट्रीय रक्षा निधि का गठन किया गया था। इस राशि का इस्तेमाल सशस्त्र सेनाओं , अर्द्धसैनिक बलों , रेलवे आरक्षी बल और उनके आश्रितों के लिए किया जा रहा है। इस निधि का प्रबंधन प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कार्यकारी समिति करती है और रक्षा, वित्त तथा गृह मंत्री इसके सदस्य होते हैं।

इस छात्रवृति का उद्देश्य भूतपूर्व सैनिकों,अर्द्धसैनिक तथा रेलवे आरक्षी बलों की विधवाओं और बच्चों को तकनीकी तथा स्नातकोत्तर शिक्षा में बढावा देना है। यह छात्रवृति चिकित्सा, दंत चिकित्सा, इंजीनयरिंग, प्रबंधन और एमसीए तथा अन्य उच्च शिक्षा कार्सों के लिए दी जाती है। इसके तहत हर वर्ष रक्षा मंत्रालय 5500, गृह मंत्रालय 2000 और रेल मंत्रालय 150 बच्चों को छात्रवृति देता है।

इस निधि में स्वैच्छिक ऑनलाइन योगदान स्वीकार किया जाता है जो एनडीएफ.गोव.इन के माध्यम से किया जात सकता है।

प्रधानमंत्री पुलिसकर्मियों और सैन्यकर्मियों के असीम योगदान की समय-समय पर प्रशंसा करते रहे हैं जो हर मौसम में और त्यौहारों पर भी अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हैं। राष्ट्र के रूप में यह सबका कर्तव्य बनता है कि पुलिसकर्मियों के परिवारों के कल्याण के कदम उठाये जायें और उनके प्रति आभार प्रकट किया जाये।

संजीव

वार्ता

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