हल्दिया 07 फरवरी (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को एलपीजी आयात टर्मिनल, 348 किलोमीटर डोभी - दुर्गापुर प्राकृतिक गैस पाइपलाइन सेक्शन राष्ट्र को समर्पित किया, जो प्रधानमंत्री उर्जा गंगा परियोजना का हिस्सा है।
श्री मोदी ने यहां हल्दिया रिफाइनरी की दूसरी कैटेलिटिक-आइसोडेवेक्सिंग यूनिट की नींव भी रखी और एनएच 41 पर हल्दिया के रानीचक में फोर लेन आरओबी-कम-फ्लाईओवर भी राष्ट्र को समर्पित किया।
इस आयोजन में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भी शामिल थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा,“स्वच्छ ईंधन की कनेक्टिविटी और उपलब्धता की आत्मनिर्भरता के मामले में पश्चिम बंगाल और पूरे पूर्वी भारत के लिए आज एक बड़ा दिन है।” उन्होंने कहा कि चारों परियोजनाओं से क्षेत्र में व्यापार करने में आसानी और रहन-सहन दोनों में सुधार होगा। ये परियोजनाएं हल्दिया को निर्यात-आयात के एक प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित करने में भी मदद करेंगी।
श्री मोदी ने जोर देकर कहा कि गैस आधारित अर्थव्यवस्था भारत के लिए समय की आवश्यकता है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए ‘एक राष्ट्र-एक गैस ग्रिड’ एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके लिए, प्राकृतिक गैस की लागत को कम करने और गैस-पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
उन्होंने कहा,“हमारे प्रयासों से ऐसी स्थिति पैदा हुई है जहां भारत सबसे ज्यादा गैस खपत करने वाले देशों में से एक है। सस्ते और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए बजट में हाइड्रोजन मिशन की घोषणा की गई है।”
प्रधान मंत्री ने पूर्वी भारत में जीवन और व्यवसाय की गुणवत्ता में सुधार के लिए रेल, सड़क, हवाई अड्डे, बंदरगाहों और जलमार्गों में किये गये कार्याें की चर्चा की। उन्होंने कहा कि गैस की कमी से इस क्षेत्र में उद्योग बंद हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इसमें सुधार के लिए पूर्वी भारत को पूर्वी और पश्चिमी बंदरगाहों से जोड़ने का निर्णय लिया गया है। प्रधानमंत्री उर्जा गंगा पाइपलाइन, जिसका एक बड़ा हिस्सा आज राष्ट्र को समर्पित किया गया, उस परियोजना का एक हिस्सा है। करीब 350 किलोमीटर डोभी-दुर्गापुर पाइपलाइन से न केवल पश्चिम बंगाल बल्कि बिहार और झारखंड के 10 जिले भी लाभान्वित होंगे।
संजय
वार्ता