भारतPosted at: Jun 6 2019 11:45PM मालदीव में राष्ट्राध्यक्ष का प्रोटोकॉल मिलेगा मोदी को
नयी दिल्ली 06 जून (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर दोबारा कार्यभार संभालने के बाद पहली विदेश यात्रा पर आठ एवं नौ जून को मालदीव और श्रीलंका जाएंगे। इस दौरान वह मालदीव में समुद्री गतिविधियों पर निगरानी के लिए भारत के सहयोग से स्थापित टोही राडार का उद्घाटन करेंगे जबकि श्रीलंका में आतंकवाद के विरुद्ध एकजुटता का संदेश देेंगे।
विदेश सचिव विजय गोखले ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि आठ और नौ जून को श्री मोदी की मालदीव एवं श्रीलंका की यात्राएं भारत की पड़ोसी पहले की नीति और सागर सिद्धांत को प्राथमिकता देने का प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि श्री मोदी की यात्रा को मालदीव सरकार विशेष महत्व दे रही है और इसलिए उन्हें राष्ट्राध्यक्ष वाला प्रोटोकॉल दिया जाएगा। इस यात्रा से भारत एवं मालदीव के बीच उच्च स्तरीय आदान-प्रदान में नयी गति आने की संभावना है।
श्री गोखले ने बताया कि मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के निमंत्रण पर जा रहे श्री मोदी मालदीव की संसद मजलिस को भी संबोधित करेंगे। उनकी यात्रा से पहले दोनों देशों के बीच नागरिकों के कामगार वीजा वाले मसले का भी पूरी तरह से समाधान हो चुका है। पूर्ववर्ती अब्दुल्ला यामीन के कार्यकाल में दो एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टरों का मसला भी सुलझ गया है।
उन्होंने कहा कि केरल के कोच्चि बंदरगाह से मालदीव के लिए फेरी सेवा शुरू करने का कार्यक्रम है। कनेक्टिविटी के क्रम में भारत से संपर्क के अलावा मालदीव के विभिन्न द्वीपों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना है। मालदीव के लिए एक हजार छात्रवृत्तियां भी दी जाएंगी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति मैैत्रीपाला सिरीसेना के निमंत्रण पर श्री मोदी नौ जून को कोलंबो जाएंगे। उल्लेखनीय है कि 30 मई को श्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने नयी दिल्ली आये श्री सिरीसेना ने प्रधानमंत्री को श्रीलंका आने का निमंत्रण दिया था।
श्री गोखले ने कहा कि श्री मोदी आतंकवादी हमले के बाद पहली बार श्रीलंका जा रहे हैं। वह राष्ट्रपति सिरीसेना, प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे, पूर्व राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे एवं तमिल पार्टियों के नेताओं से मिलेंगे तथा आतंकवाद के विरुद्ध सहयोग का सशक्त संदेश देंगे। उन्होंने कहा कि इस दौरान सीमा शुल्क सहित कई क्षेत्रों में सहयोग के समझौते किये जाएंगे। भारत ने श्रीलंका के साथ विकास साझेदारी को तेजी से बढ़ाया है। भारत श्रीलंका की रेलवे को डीजल इंजन कोच वैगन आदि की आपूर्ति करेगा। जापान के साथ मिलकर कोलंबो के बंदरगाह पर द्रवीकृत प्राकृतिक गैस का भंडार डिपो बनाने के बारे में भी करार किया है।